अध्यात्म | Bajrang Baan Path Karane Ke Niyam : कलयुग में जहां चरों ओर अशांति, लालच,धूर्तता फैली है वही इन सब विकार को या संकट को हरने वाले श्रीराम जी के आराधक भक्त शिरोमणि श्री हनुमान जी एक ऐसे देवता हैं जो कलयुग में भी पृथ्वी पर साक्षात विराजमान हैं । श्रीराम भक्त हनुमान की पूजा आराधना और जानते हैं Bajrang Baan Path Karane Ke Niyam बजरंग बाण का पाठ करने से मनुष्य हर प्रकार के भय,अशांति,लालच,धूर्तता से मुक्त हो जाता है। इनकी पूजा करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
नियम विधि विधान मंगलवार से बजरंग बाण पाठ आरंभ करें
Bajrang Baan Path Karane Ke Niyam : मंगलवार,शनिवार या प्रति दिन सूर्योदय ☼ से पूर्व उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और फिर मन में श्रीराम का ध्यान करके पूजा 10 बजे के बाद प्रारंभ करें। किसी भी स्थिति में प्रातः हनुमान जी का पाठ नहीं करना है। घर में पूजा स्थान पर भगवान श्रीराम दरबार की मूर्ति के साथ हनुमान जी ध्यान मुद्रा वाली मूर्ति या फिर हनुमान जी की
मूर्ति स्थापित करें।
बजरंग बाण का आरंभ करते समय सर्वप्रथम विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की आराधना करें। विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश प्रथम पूज्य हैं। फिर हनुमान के आराध्य भगवान श्रीराम और माता सीता का ध्यान करें। फिर हमुमान जी का ध्यान करके प्रणाम करे बजरंग बाण के पाठ का संकल्प लें।
Bajrang Baan Path Karane Ke Niyam : हनुमान जी को रोरी और सुंदर, फूल ⚛ अर्पित करें और उनके समक्ष धूप, घी या सरसों तेल का दीप जलाएं। हनुमान जी को प्रसाद के रूप में चूरमा, लड्डू और केला या अन्य मौसमी फल आदि अर्पित कर सकते हैं। कुश या शुद्ध आसन बिछाएं और उसपर बैठकर बजरंग बाण का पाठ आरंभ करें। पाठ पूर्ण हो जाने के बाद भगवान श्रीराम का स्मरण और फिर आरती करें।
बजरंग बाण का पाठ करना हो उतने दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करें
Bajrang Baan Path Karane Ke Niyam : जितने दिन तक बजरंग बाण का पाठ करना हो उतने दिनों में ब्रह्मचर्य का पूर्णतया पालन करना आवश्यक है। जितने दिन भी आपको बजरंग बाण का पाठ करते समय यह ध्यान रखें की आप की स्थिति मन मस्तिक शरीर से सात्विक हो उतने दिनों तक आप किसी प्रकार का नशा या तामसिक चीजों का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
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जितनी बार बजरंग बाण पाठ का संकल्प लिया है, उतनी बार रुद्राक्ष की माला से पाठ या जप करें। अगर आप गिनती याद रख सकते हैं तो बिना माला के भी जाप कर सकते हैं। बजरंग का बाण पाठ करते समय ध्यान रखें कि शब्दों का उच्चारण साफ और स्पष्ट होना चाहिए।
Bajrang Baan Path Karane Ke Niyam : अगर आप किसी विषेश मनोकामना की पूर्ति के लिए बजरंग बाण का पाठ कर रहे हैं तो कम से कम 41 दिनों तक यह पाठ नियमपूर्वक करें। पाठ के दौरान विशेष रूप से लाल,नारंगी रंग साफ़ सुथरा कपड़े धारण करें। भगवान महाबली को प्रसन्न करने के लिए और पूजा के दौरान नारंगी रंग के कपड़ों को पहनना बेहद शुभ होता है। शुभ रंग के कपड़ों को पहनना बेहद शुभ होता है ताकि भगवान आपसे हमेशा खुश रहें।
कभी भूलकर भी कर बजरंग बाण का पाठ के समय तामसिक चीजों का उपयोग ना करें
कभी किसी का बुरा करने की कामना साथ बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए। किसी भी अनैतिक कार्य की पूर्ति के लिए या फिर किसी से विवाद की स्थिति में विजय पाने के लिए बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए। कर्म करना जीवन में बहुत आवश्यक होता है इसलिए बिना प्रयास के ही किसी कार्य में सफलता पाने के उद्देश्य से बजरंग बाण का पाठ ना करें। धन, ऐश्वर्य या किसी भी भौतिक इच्छा की पूर्ति के लिए बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए।