गरियाबंद। Tribal Woman : छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में पेट दर्द का इलाज कराने आई आदिवासी महिला की ऑपरेशन के दौरान मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि, महासमुंद मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर बिना किसी डॉक्टर से राय लिए ऑपरेशन कर दिया था। जिससे गर्भवती महिला की मौत हो गई। इस मामले में एक्शन लेते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लक्ष्मी नारायण हॉस्पिटल को सील कर दिया है।
भागीरथी मरकाम जिला-गरियाबंद निवासी ने रायपुर प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता कर लक्ष्मी नारायणा हास्पिटल छुरा के संचालक ज्योति नारायण दुबे एवं डॉ. नरसिंग व आशिष साहू पर अपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही करने की मांग की है l
आदिवासी महिला की ऑपरेशन के दौरान मौत
Tribal Woman : गरीब आदिवासी परिजनों का आरोप है कि मेरी 35 वर्षीय धर्मपत्नि गैंदु वाई के मामूली पेट दर्द होने के कारण ईलाज के लिए जिला चिकित्सालय महासमुंद में पदस्थ सर्जन डॉक्टर नरेन्द्र नरसिंग की सलाह पर लक्ष्मी नारायणा हास्प्ठिल छुरा (गरियाबंद) ले गया जहाँ दाखिल के पश्चात हास्पिटल संचालक ज्योति नारायण दुबे एवं चिकित्सकों द्वारा सफल ईलाज होने का आश्वासन दिया गया ।
लक्ष्मी नारायणा हास्पिटल के संचालक व चिकित्सकों द्वारा जानकारी दी गई कि आदिवासी महिला गैंदु बाई के बच्चादानी में कैंसर है, ऑपरेशन कर बच्चादानी बाहर निकालना पड़ेगा अन्यथा मरीज की जान को खतरा है।
दो बार पेट में लगाया गया चीरा
Tribal Woman : ऑपरेशन के वक्त पेट की कोई अन्य नस काट दी गई थी उसके बाद पेट की सिलाई भी कर दी गई थी। ऑपरेशन के बाद ज्योति नारायण दुबे ने जब मेरी धर्मपत्नि गैंदु बाई का पेट देखा तो डॉ. आशीष साहू पर नाराज होते हुए कहा कि तुमने पेट इतना लम्बा क्यों चीरा, नाभि के ऊपर कोई बच्चादानी नहीं होती।
बगैर एक्सपर्ट ओपिनियन के ही ऑपरेशन कर दिया। एक नहीं दो बार पेट में चीरा लगाने की भी पुष्टि हुई है। ऑपरेशन से पहले ना तो गाइनिकोलोजिस्ट से ना ही प्रेगनेसी यूरिन टेस्ट कराया गया था। बताया जाता है कि, ऑपरेशन करने वाला डॉक्टर सिविल सर्जन महासमुंद मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर है।
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Tribal Woman : यू-ट्यूब चैनल को देखकर चीर-फाड़ करना था !
बच्चादानी निकालने के लिए नाभि के नीचे ही चीर-फाड़ की जाती है, तुम्हें समझ नहीं आ रहा था तो यू-ट्यूब चैनल को देखकर चीर-फाड़ करना था ! हास्पिटल संचालक ज्योति नारायण दुबे द्वारा समय-समय पर अलग-अलग बिमारियों के लिए बाहर से विशेषज्ञों को बुलाया जाता है, लेकिन मेरी पत्नि के ऑपरेशन के लिए कोई विशेष सर्जन को नहीं बुलाया गया था।
हस्ताक्षर करने विडियो बनाने के लिए बनाएं दबाव
गरीब आदिवासी परिजनों के द्वारा उक्त बातों व घटना की शिकायत दिनांक 22 मई 2024 को जिलाधीश एवं पुलिस अधीक्षक गरियाबंद से किया था ।
जिसमें जाँच करने हेतु डॉ. हरीश चौहान व अन्य डॉक्टरों के साथ 03 जून 2024 को दोप. 2 बजे मेरे गांव कुल्हाड़ीघाट पहुंचकर मेरी माताजी से कहने लगे कि मुझे आपका विडियो बनाना है तब मेरी माँ ने कहा, हमारा विडियो साहब आप क्यों बनाओगे, चलो ठीक है मैं कागज आपको देता हूँ ।
उस कागज को आप किसी अन्य व्यक्ति को आप नही दिखाना और आप उस कागज में हस्ताक्षर कर देना। तब मेरी मों ने विडियो बनाने एवं कागजों में हस्ताक्षर करने से साफ मना कर दिया।
Tribal Woman : आरोप निजी अस्पतालों का रूटिंग जाँच भी नहीं किया जाता
गरीब आदिवासी परिजनों के द्वारा रायपुर प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता यह आरोप लक्ष्मी नारायणा हास्पिटल के संचालक ज्योति नारायण दुबे का शासन प्रशासन में उनकी बहुत अच्छी पकड़ है। जिसके कारण आज तक जिले के स्वास्थ्य विभाग के मुखिया के द्वारा लक्ष्मी नारायणा हास्पिटल का आयुष्मान कार्ड को ब्लैकलिस्ट नही किया गया एवं जिले में संचालित निजी अस्पतालों का भी रूटिंग जाँच भी नहीं किया गया एवं रूटिंग जॉच कर खानापूर्ति किया जाता है।
Tribal Woman : गरीब आदिवासी परिजनों ने उचित न्याय के लिए लगाई गुहार
गरीब आदिवासी परिजनों ने बताया कि आज तक मुझे किसी भी तरह का मुआवजा नहीं मिला है और जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा लक्ष्मी नारायणा हास्पिटल को सील कर खानापूर्ति की जा रही है।
गुहार लगाते हुए कहा कि उक्त घटना की जाँच गरियाबंद के किसी भी अधिकारी व डॉक्टरों से न करवाकर अन्य संभाग के डॉक्टर व अधिकारियों से करवाई जाए जिससे मुझे उचित न्याय मिल सके।
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