भोपाल | Rescue Bhopal: वन मुख्यालय (वन भवन) से 17 मई, 2024 को सामान्य वन मण्डल भोपाल की रेस्क्यू टीम द्वारा एक उल्लू owl को रेस्क्यू कर वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल में लाया गया। उक्त उल्लू का तत्समय वन्यप्राणी चिकित्सक रजत कुलकर्णी द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
कामन-बार्न आउल प्रजाति का वैज्ञानिक नाम Tyto alba
Rescue Bhopal: उसके पंखों में चोट पाए जाने पर उसका इलाज कर पिंजरे में क्वॉरेन्टाईन बाड़े में रखा गया है। यह उल्लू owl कामन-बार्न आऊल प्रजाति का है वैज्ञानिक नाम (Tyto alba) है।
Rescue Bhopal: कामन-बार्न आउल प्रजाति का वैज्ञानिक नाम Tyto alba है। यह उल्लुओं की सबसे आम प्रजातियों में से एक है और दुनिया भर में पाया जाता है।
यह जानना दिलचस्प है कि “Tyto alba” नाम लैटिन भाषा से आया है, जहाँ “Tyto” का अर्थ “उल्लू” और “alba” का अर्थ “सफेद” होता है। यह नाम इस उल्लू के पंखों और पेट पर सफेद पंखों के कारण रखा गया है।
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यह वन्यप्राणी संरक्षण अधिनिम 1972 (यथा संशोधित 2022) के शेडयूल-1 पार्ट-B के अंतर्गत आता है। वर्तमान में उक्त उल्लू स्वस्थ है एवं नियमित भोजन भी कर रहा है। उल्लू owlके पूर्ण स्वस्थ होने पर उसे प्राकृतिक रहवास (वन क्षेत्र) में छोड़ दिया जायेगा।
Rescue Bhopal: उल्लुओं की विशेषताएं:
- बड़ी आंखें: उल्लुओं की आंखें बहुत बड़ी होती हैं, जो उन्हें अंधेरे में भी अच्छी तरह देखने में मदद करती हैं। उनकी आंखें उनके सिर के सामने स्थित होती हैं, जिससे उन्हें द्विनेत्री दृष्टि मिलती है, जो उन्हें गहराई का अंदाजा लगाने में मदद करती है।
- तेज चोंच: उल्लुओं की चोंच छोटी, मजबूत और नुकीली होती है, जिसका उपयोग वे अपने शिकार को पकड़ने और मारने के लिए करते हैं।
- नरम पंख: उल्लुओं के पंख बहुत नरम और मोटे होते हैं, जो उन्हें उड़ते समय शांत रहने में मदद करते हैं। इससे उन्हें शिकार पर छापा मारने में भी मदद मिलती है।
- शक्तिशाली पंजे: उल्लुओं के पंजे लंबे, तेज और नुकीले होते हैं, जिनका उपयोग वे अपने शिकार को पकड़ने और मारने के लिए करते हैं।
- घुमने की क्षमता: उल्लुओं के सिर 270 डिग्री तक घूम सकते हैं, जिससे उन्हें अपने आसपास के वातावरण को देखने में मदद मिलती है।
Rescue Bhopal: उल्लुओं का आवास:
उल्लू दुनिया भर में विभिन्न प्रकार के आवासों में पाए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- जंगल: उल्लू घने जंगलों में रहना पसंद करते हैं, जहाँ उन्हें भोजन और आश्रय मिलता है।
- खेत: उल्लू खुले खेतों में भी रहते हैं, जहाँ उन्हें चूहे और अन्य छोटे जानवर मिलते हैं जो उनके भोजन होते हैं।
- पहाड़ी इलाके: कुछ उल्लू पहाड़ी इलाकों में रहते हैं, जहाँ उन्हें चट्टानों और पेड़ों में घोंसले बनाने के लिए जगह मिलती है।
- शहरी इलाके: कुछ उल्लू शहरी इलाकों में भी रहते हैं, जहाँ उन्हें चूहों और अन्य छोटे जानवर मिलते हैं जो उनके भोजन होते हैं।
Rescue Bhopal: उल्लुओं का व्यवहार:
- रात्रिचर: उल्लू रात्रिचर होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे रात में सक्रिय रहते हैं और दिन में सोते हैं।
- शिकारी: उल्लू मांसाहारी होते हैं और चूहे, चूहे, चमगादड़, पक्षी और सरीसृप जैसे छोटे जानवरों का शिकार करते हैं।
- एकान्तप्रिय: अधिकांश उल्लू एकान्तप्रिय होते हैं और अकेले रहना पसंद करते हैं।
- प्रजनन: उल्लू आमतौर पर वसंत ऋतु में प्रजनन करते हैं। वे खोखले पेड़ों, चट्टानों या इमारतों में घोंसले बनाते हैं।
Rescue Bhopal: उल्लू पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे चूहों और अन्य छोटे जानवरों की आबादी को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, जो फसलों और अन्य संपत्तियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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