74 हजार रिक्त पदों पर भर्ती को सीएम ने दी हरी झंडी

लखनऊ
प्रदेश सरकार 74 हजार रिक्त पदों पर भर्ती की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न चयन व भर्ती आयोगों के अध्यक्षों के साथ बैठक में इन पदों पर भर्ती की प्रक्रिया तेजी से शुरू करने का निर्देश दिया है।

मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर राज्य लोक सेवा आयोग, यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, यूपी उच्चतर शिक्षा चयन आयोग तथा यूपी माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्षों के साथ बैठक की। इन आयोगों व बोर्ड के तहत विभिन्न पदों पर होने वाली भर्तियों की कार्ययोजना की जानकारी ली। यहां बताया गया कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग 30 हजार पदों पर, उच्चतर शिक्षा चयन आयोग 17 हजार पदों पर और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड 27 हजार रिक्त पदों पर भर्तियां करेगा। मुख्यमंत्री इन आयोगों के अध्यक्षों को इन 74 हजार पदों पर चयन की भर्ती कार्यवाही तेजी से शुरू करने का निर्देश दिया।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव कार्मिक देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस. गर्ग, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष प्रवीर कुमार, उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा तथा माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष बीरेश कुमार व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने अध्यक्षों को निर्देशित किया कि प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन पारदर्शी ढंग से किया जाए और खराब छवि वाले विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बिल्कुल न बनाया जाए। उन्होंने कहा कि हर हाल में परीक्षाएं नकलविहीन और पारदर्शी ढंग से आयोजित की जाएं। मुख्यमंत्री ने सभी आयोगों व बोर्ड के अध्यक्षों से समय से भर्तियां करने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि शासन से जुड़े मामलों में संबंधित अध्यक्ष मुख्यमंत्री कार्यालय से सीधे संपर्क कर समस्या का तत्काल समाधान कराएं, ताकि भर्ती की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जा सके।

बड़ी परीक्षाएं मंडल स्तर पर व छोटी जिला स्तर पर कराने का निर्देश मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी परीक्षाओं को मंडल स्तर पर और छोटी परीक्षाओं को जिला स्तर पर आयोजित करने पर गंभीरता से विचार किया जाए। सरकारी भर्तियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन के समय अभ्यर्थियों की सुविधा का भी ध्यान रखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि अभ्यर्थियों को परीक्षा देने के लिए अधिक दूरी न तय करनी पड़े।

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