शॉपी को ऐप प्रतिबंध सूची में शामिल न करने पर कैट ने जताई नाराज़गी- इस संबंध में भेजा ज्ञापन

रायपुर,
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू,अमर गिदवानी,  प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन,  कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि केंद्रीय वाणिज्य मंत्री  पीयूष गोयल और केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव को आज भेजे गए एक पत्र में, कंफेडरक़्शन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने तत्काल प्रभाव से ऐप शोपी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की पुरजोर मांग की है। कैट ने 54 ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार की सराहना करते हुए इस बात पर  आश्चर्य व्यक्त किया कि शॉपी को प्रतिबंधित  ऐप्स की सूची में शामिल क्यों नहीं किया गया जबकि उसकी मूल कंपनी शॉपी गरेना फायर प्रतिबंधित है।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी और प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने भारत की संप्रभु अखंडता और सुरक्षा के मद्देनजर ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने में सरकार द्वारा उठाए गए साहसिक कदम की सराहना की, जो सर्वोपरि है और इन चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाकर, भारत ने विश्व भर में एक स्पष्ट संदेश भेजा है  कि हम बीजिंग या किसी और राष्ट्र के आर्थिक आतंकवाद के अधीन नहीं होंगे।
यह आश्चर्यजनक है कि सरकार ने एक ही समूह के एक हाथ पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन दूसरे पर नहीं। असल मे हमारी चिंता यह है कि इन ऐप्स के जरिए हमारे देश का कंज्यूमर डेटा चीन  को भेजा जा रहा है। हमें एक व्यापक दृष्टिकोण रखना होगा, अन्यथा लंबे समय में देश के होनहार व्यवसाय विदेशियों के हाथों में आ जाएंगे। भारत में नीतियों और विनियमों की कमी है, विशेष रूप से ई-कॉमर्स, ऑनलाइन गेमिंग और अन्य प्रौद्योगिकी आधारित वर्टिकल जैसे कुछ बहुत ही आशाजनक व्यावसायिक धाराओं के लिए माकूल नीतियां और रेगुलेटरी बॉडी अब भी नही बनाई गई है। अब नियामक प्राधिकरण के साथ मिलकर आवश्यक नीति, कानून और नियम बनाने का समय आ गया है, पारवानी और दोशी दोनों ने कहा।
पारवानी और दोशी ने कहा कि एक ई-कॉमर्स इकाई, शॉपी एसईए लिमिटेड के स्वामित्व में है, यह वही इकाई जो गरेना फ्री फायर के भी मालिक है। एसईए लिमिटेड को टेनसेंट और उसके चीनी संस्थापक फॉरेस्ट ली (जो हाल ही में सिंगापुर के नागरिक बने है) द्वारा नियंत्रित किया जाता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि गरेना और शॉपी दोनों अपना सारा डेटा टेनसेंट क्लाउड पर स्टोर करते हैं।  चीनी संबंध को देखते हुए सरकार ने गरेना  फ्री फायर पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह देखते हुए कि शॉपी और गरेना दोनों एक ही मूल कंपनी –  एसईए लिमिटेड के स्वामित्व में हैं और ये टेनसेंट क्लाउड (भारतीय नागरिकों के डेटा को संग्रहीत करने के लिए) का उपयोग करते हैं शॉपी ऐप को भी प्रतिबंधित किया जाना चाहिए था।
व्यापार जगत के नेताओं ने आगे कहा कि वाणिज्य मंत्रालय द्वारा 17.04.2020 को प्रकाशित प्रेस नोट 3 (2020) श्रृंखला में ये स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी भी देश की इकाई द्वारा भारत में निवेश  किया जाता है तो उसके लिए भारत सरकार की पूर्व स्वीकृति अनिवार्य है। हालांकि, प्रेस नोट 3 के घोर उल्लंघन में शॉपी ने भारत में एक कंपनी ;ैच्च्प्छ प्दकपं च्तपअंजम स्पउपजमकद्ध को शामिल किया है और उसके जरिये भारत मे अपना संचालन शुरू कर दिया है। हालिया मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, शॉपी प्रति दिन लगभग 3-3.5 लाख ऑर्डर लेता है।
पारवानी और दोशी दोनों ने (प) गूगल प्ले स्टोर और ऐप स्टोर से शॉपी ऐप को प्रतिबंधित करने की मांग की  और (पप) चीनी मूल के निवेशकों को शामिल करने के लिए भारत सरकार से पूर्व  अनुमति नही लेने पर  एसपीपीआईएन इंडिया के खिलाफ जांच शुरू करने और उन पर शख़्त कार्यवाही की मांग की है।

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