36 माह में कई चुनौतियों के साथ देश-विदेश में छत्तीसगढ़ मॉडल का परचम…..

कुलदीप शुक्ला

तीन साल के कार्यकाल में भूपेश बघेल की सरकार ने कई चुनौतियों को सामना करते हुए यह कार्यकाल पूरा ही नहीं किया बल्कि देश और विदेशों में भी छत्तीसगढ़ मॉडल का परचम लहराय. 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए प्रदेश की 90 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज की थी.

छत्तीसगढ़ में सरकार 17 दिसंबर को अपने 3 साल पूरे करने वाली है. पहले दिन ही सरकार ने 11 लाख किसानों का 9 हजार करोड़ रुपए ऋण माफ किया है. भूपेश बघेल सरकार ने सत्ता की बागडोर संभालते ही किसानों के हित में क्रांतिकारी फैसले लिये.

सीएम भूपेश बघेल ने सरकार के तीन साल के उपलब्धियों की बात करें तो उनकी  सरकार ने 11 लाख किसानों का 9 हजार करोड़ रुपए ऋण माफ किया है. साथ ही किसानों के धान 2500 रुपये प्रति क्विंटल खरीदे गए हैं.  सरकार ने लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की जमीन वापसी का फैसला लिया. किसान और खेती छत्तीसगढ़ की असल पूंजी हैं.

सरकार को ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ शहरीकरण पर भी ध्यान केन्द्रित  किया है जिसके  कारण छत्तीसगढ़ को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों स्वछता का अवॉर्ड मिला.  सरकार ने कुछ सार्थक प्रयास किया ताकि भविष्य में युवाओं का कौशल विकास हो सके साथ ही उन्हें सहीं शिक्षा और रोजगार मिल सके.

सरकार की राजीव गांधी न्याय योजना से किसानों की आर्थिक उन्नती हुई है. लघु वनोपज समर्थन मूल्य से महिलाओं को बेहतर रोजगार के अवसर मिले हैं साथ ही वन आधारित अर्थ व्यवस्था को भी मजबूती मिली है. कोदो-कुटकी न्यूनतम समर्थन योजना से छत्तीसगढ़ में कोदो-कुटकी के उत्पादन के लिए संभावनाएं बढ़ी हैं.

महात्मा गांधी के 150वीं जयंती पर प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण योजना, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, छत्तीसगढ़ सर्वभौम पीडीएस की शुरूआत की गई. मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत 20 लाख रुपये तक उपचार की सुविधा देने वाला पहला राज्य भी बना.

सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजना जो कि समूचे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है, वह योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी ये चार है चिन्हारी कि महत्व देते हुए योजना को अमल में लाये जिसका परिणाम दिखने लगा है, यह योजना न केवल आर्थिक गतिविधियों के केंद्र बने बल्कि महिला सशक्तिकरण के भी केंद्र बने ऐसे कई योजना जो की प्रासंगिक बना हुआ  है.

छत्तीसगढ़िया संस्कृति और परंपराओं पर गर्व करते हैं और उन्होंने छत्तीसगढ़ में पोला, छेरछेरा ,तीजा आदि  मनाने के लिए अवकाश भी दिया. यहां की परम्परा और विरासत कों सहेजने से लेकर तीज-त्यौहारों को पुनर्जीवित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को जितना भी आंका जाये, कम है. अपने निवास में हरेली-तीजा-पोरा सहित अन्य पर्व पर विशेष आयोजन कर प्रदेश की जनता  को संस्कृति से जुड़े रहने का संदेश दिये, गांव-गांव में मड़ई मेला का आयोजन,तीज-त्यौहारों में सार्वजनिक अवकाश घोषित कर सभी को अपने पर्व से जुड़े रहने का अवसर भी दिये.

अपने ऐतिहासिक निर्णयों और जनहितैषी नीतियों सेे लोगों के दिलों में मजबूत जगह बनाने के साथ छत्तीसगढ़ का गौरव पुनर्जीवित किया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के समृ़द्ध सांस्कृतिक मूल्यों और पुरातन परम्पराओं को शासकीय रूप से मनाने की पहल कर यहां की धरोहर से पूरी दुनिया का परिचय कराया है।

एक ऐसा राज्य जहां हर आम व्यक्ति खास था, प्रजा के सुख से बड़ा कुछ नहीं था। राम राज्य की बात हो तो श्री राम का ननिहाल कहां अछूता रह सकता है। माता कौशल्या का धाम पुरातन दक्षिण कोसल और आज का छत्तीसगढ़ जहां भगवान राम ने वनवास का अधिकांश समय बिताया अपनी लोककल्याणकारी नीतियों की वजह से देश-दुनिया में मॉडल राज्य के रूप में अपना परचम लहरा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने न सिर्फ अपनी समृद्ध विरासत से देश-दुनिया का परिचय कराया है, बल्कि यह बताया है कि अपनी जड़ों को मजबूत रखते हुए कैसे आसमान छुआ जाता है।

 

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