पटना (वार्ता) बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने न्याय के साथ विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और अन्य क्षेत्रों पर जोर देते हुए आज राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए दो लाख 61 हजार 885.40 करोड़ रुपये का बजट पेश किया ।
चौधरी ने विधानमंडल के दोनों सदनों में मंगलवार को बजट पेश करने के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बिहार सरकार न्याय के साथ विकास के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और बजट भी उसी भावना से तैयार किया गया है । बजट में शिक्षा, सड़क, ऊर्जा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और समाज कल्याण पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 का कुल व्यय बजट अनुमान 261885.40 करोड़ रुपए है जो वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान 237691.19 करोड़ रुपए से 24194.21 करोड़ रुपए अधिक है ।
वित्त मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय का बजट अनुमान 161855.67 करोड़ रूपए है जो वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान 137460.94 करोड़ों रुपए से 24394.72 करोड़ अधिक है । उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 का वार्षिक स्कीम का कुल बजट अनुमान एक लाख करोड़ों रुपए है जो वित्तीय वर्ष 2022- 23 के बजट अनुमान के बराबर है ।
चौधरी ने बताया कि सुशासन के कार्यक्रम 2020-2025 के तहत आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय – दो के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में विभिन्न विभागों के लिए कुल बजट प्रावधान पांच हजार करोड़ रुपए का किया गया है । उन्होंने बताया कि इस बार के बजट में भी शिक्षा क्षेत्र के लिए सबसे अधिक 39191.87 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है।वित्त मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में एक लाख करोड़ों रुपए के वार्षिक स्कीम उद्व्यय में शिक्षा क्षेत्र के लिए सर्वाधिक योजना उद्व्यय 22200.35 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो कुल योजना उद्व्यय का 22.2 प्रतिशत है ।
इसी तरह ग्रामीण विकास विभाग के लिए 15,193.19 करोड़ रुपये जो कुल वार्षिक योजना उद्व्यय का 15.19 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण कार्य विभाग के लिए 7950.27 करोड़ रुपए, स्वास्थ्य के लिए 7117.56 करोड़ रुपए, पथ निर्माण के लिए 4420.99 करोड़, नगर विकास एवं आवास विभाग के लिए 4055.10 करोड़, जल संसाधन विभाग के लिए 3232.63 करोड़, कृषि के लिए 2781.99 करोड़, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के लिए 1947.65 करोड़ रुपए तथा अन्य विभाग के लिए 22908.48 करोड़ रुपए का प्रावधान वार्षिक योजना उद्व्यय के अंतर्गत किया गया है।
चौधरी ने कहा कि राजस्व प्राप्ति यदि राजस्व व्यय से अधिक है, तो अधिशेष राशि को राजस्व बचत कहा जाता है । वर्ष 2023-24 में
राजस्व बचत 4,478.97 करोड़ रुपए का है। इस राजस्व बचत का उपयोग सड़क, भवन, बिजली, विद्यालय, स्वास्थ्य केंद्र और सिंचाई योजनाएं आदि उत्पादक पूंजीगत परिसंपत्तियों के सृजन के लिए किया जाता है । उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटा 25,567.84 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है,जो 7,45,310.00 करोड़ रुपये के राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 2.98 प्रतिशत है।
वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2023-24 के लिए पूंजीगत परिव्यय का बजट अनुमान 29,257.31 करोड़ रुपये है, जो वर्ष 2022-23 के 29,749.64 करोड़ रुपये से 492.33 करोड़ रुपये कम है । उन्होंने कहा कि एफआरबीएम अधिनियम के अनुसार राजकोषीय घाटे को जीएसडीपी के 3.0 प्रतिशत की वैधानिक सीमा के भीतर रखा गया है। एफआरबीएम अधिनियम के अनुसार वित्तीय घाटे की सीमा के भीतर ही ऋण लिया जाना होता है।
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