23 ट्रेनों को कैंसिल करना मोदी सरकार का जनविरोधी कदम – सुशील आनंद शुक्ला

कांग्रेस
अडानी को फायदा पहुंचाने कोयला परिवहन नीति बदला - कांग्रेस छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी
रायपुर

राज्य से चलने वाली 23 ट्रेनों को कैंसिल करने पर कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया है।प्रदेश कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यह मोदी सरकार का गैर जिम्मेदाराना रवैय्या और छत्तीसगढ़ की जनता को परेशानी में डालने वाला है।एक साथ 23 ट्रेनों को बन्दJ किया जाना बहुत ही अदूरदर्शिता पूर्ण निर्णय है।मोदी सरकार लगातार अपने जनसरोकारो से मुंह मोड़ रही है।मोदी सरकार रेलवे को निजीकरण की ओर ले जाने का लगातार षड्यंत्र रच रही है। वह लोगो के बीच रेलवे को आलोक प्रिय और अप्रासंगिक बना कर निजीकरण के बाद विद्रोह कम होने का जुगत कर रही है।सरकार चाहती तो इन ट्रेनों को बन्द करने के पहले विकल्पिक व्यवस्था करती लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया ।जिन मार्गो पर ट्रेनों को बन्द किया गया वहा पर कुछ दूसरी ट्रेन चलेगी फिर शेष ट्रेनों को चलाने में क्या परेशानी होगी?इतने लंबे समय तक इतनी ज्यादा संख्या में ट्रेन बन्द करने के बजाय रेलवे चाहता तो प्रति दिन कुछ समय निर्धारित कर मेन्टेन्स कार्य किया जा सकता था ।

कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मेन्टेन्स का कार्य जब पिछले लगभग एक साल तक ट्रेनों का संचालन बन्द था कम ट्रेन चल रही थी तब क्यो नहीं किया ।ऐसे समय जब शादी व्याह में लोग अपने गांव रिश्तेदारी जाते है ।ट्रेनों पर यात्री दबाव ज्यादा है उसी समय क्यो किया गया ।यह ऑफ सीजन में भी तो किया जा सकता था ।एक महीना क्यो अभियान चला कर एक सप्ताह में क्यो नहीं किया जा रहा ?

कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 23 ट्रेनों को एक महीने के लिए पूरी तरह से बन्द करने के मोदी सरकार के निर्णय से ही सवाल खड़ा हो रहा है।मोदी सरकार लगातार रेलवे सुविधाओ में कटौती कर रही है ।कोरोना काल मे देश भर की 60 फीसदी ट्रेनों को बन्द कर दिया था जिन्हें कोरोना की हालत सही होने के बाद लंबे अरसे तक भी शुरू नही किया गया था ।जिन ट्रेनों को शुरू भी किया उनको स्पेशल ट्रेन बता कर चालू किया गया जिसका किराया 25 से 35 प्रतिशत बढ़ा दिया गया था जिसमे आज तक पूरी कटौती नही किया गया ।रेलवे द्वारा बुजुर्ग दिव्यांग नागरिकों को मिलने वाली सुविधा और छूट को भी बन्द कर दिया गया है।

देश के अन्य सार्वजनिक संस्थानों के समान रेलवे पर भी मोदी सरकार की वक्र दृष्टि पड़ गयी है।

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