स्थानीय परिस्थितियों एवं किसानों की आवश्यकताओं के अनुरूप कृषि यंत्र विकसित करें: डॉ. गिरीश चंदेल

रायपुर,
  • कृषि यंत्र मेले में किसानों ने देखे नये कृषि यंत्र और तकनीक
  • कृषि विश्वविद्यालय में एक दिवसीय तकनीकी एवं यंत्र प्रदर्शन मेला आयोजित

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, रायपुर द्वारा आज यहां विश्वविद्यालय परिसर में एक दिवसीय तकनीकी एवं यंत्र प्रदर्शन मेला का आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य कृषि में यंत्रों के उपयोग को बढ़ावा देना तथा इन कृषि यंत्रों को अपनाने हेतु किसानों को प्रेरित करना है। इस तकनीकी एवं यंत्र प्रदर्शन मेले में खेत की जोताई से लेकर फसलों की कटाई एवं गहाई तक में प्रयुक्त होने वाले कृषि यंत्रों एवं उपकरणों की तकनीकी एवं कार्यपद्धति का जीवंत प्रदर्शन किया गया। इस मेले का शुभारंभ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने किया। मेले में रायपुर एवं आस-पास के जिलों से आए किसानों ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित विभिन्न कृषि यंत्रों एवं उपकरणों की तकनीकी एवं कार्यपद्धति का अवलोकन किया। 

समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ. चंदेल ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में मानव श्रम की उपलब्धता निरंतर घट रही है और पशुचलित तथा ऊर्जाचलित यंत्रों का उपयोग बढ़ रहा है। यह समय की मांग है। उन्होंने कहा कि किसान बंधु खेती में आधुनिक यंत्रों एवं तकनीकी का उपयोग करके अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं। डॉ. चंदेल ने कहा कृषि अभियंताओं से आव्हान किया कि वे स्थानीय परिस्थितियों एवं किसानों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नवीन तकनीकों एवं कृषि यंत्रों का विकास करें। उन्होंने कृषि यंत्रों के विकास में बाजार मांग एवं व्यवसायीकरण की संभावनाओं पर भी ध्यान देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से कृषक उत्पादक संगठन गठित कर गांवों में कृषि यंत्रों को कस्टम हायरिंग के द्वारा किसानों को उपलब्ध कराया जाना चाहिए। इससे कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ गांवों में रोजगार सृजन होगा। डॉ. चंदेल ने मशीनों द्वारा फसलों के प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन किये जाने पर जोर दिया।
समारोह को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान डॉ. पी.एल. चन्द्राकर, निदेशक विस्तार डॉ. आर.के. बाजपेयी, कृषि महाविद्यालय रायपुर के अधिष्ठाता डॉ. एम.पी. ठाकुर एवं स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विनय पाण्डेय ने भी संबोधित किया।

उल्लेखनीय है कि तकनीकी एवं यंत्र प्रदर्शन मेले का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा संचालित विभिन्न अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाओं – प्रक्षेत्र उपकरण एवं यंत्र, पशु ऊर्जा का उपयोग, कटाई उपरांत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी तथा सिंचाई जल प्रबंधन परियोजनाओं के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस मेले में खेती की तैयारी में प्रयुक्त कृषि यंत्रों जैसे हैरो, रोटावेटर, विभिन्न प्रकार के हल, रिजर, पावर टिलर, बीज एवं पौधों की बुआई में प्रयुक्त विभिन्न सीड ड्रिल एवं प्लान्टर, निंदाई-गुडाई में प्रयुक्त होने वाले कृषि यंत्रों जैसे वीडर, पडलर, मल्चर तथा फसलों की कटाई एवं गहाई में प्रयुक्त यंत्रों – हार्वेस्टर, रीपर, थ्रेशर आदि का प्रदर्शन किया गया। इसके साथ ही खेतों की सिंचाई हेतु उपयोग में आने वाले विभिन्न प्रकार के सिंचाई पंपों को भी प्रदर्शित किया गया। मेले में फसलों के प्रसंस्करण हेतु उपयोग में आने वाले यंत्रों को भी रखा गया था जिनमें भुट्टे से मक्के के दाने और मूंगफली से दाने निकालने वाले यंत्र शामिल हैं।

इस बार मेले में अनेक नवीन विकसित यंत्र भी प्रदर्शित किए गए जिनमें मक्का हार्वेस्टर, मिनी ऑइल मिल, मिनी आटा चक्की, गोबर से गमला, कण्डा तथा गौ काष्ठ बनाने के मशीन, अलसी फाईबर एक्सट्रैक्टर, केला फाईबर एक्सट्रैक्टर, लहसून बआई यंत्र, प्याज खुदाई यंत्र, ढेंस खुदाई यंत्र, मक्का छिलाई यंत्र आदि शामिल हैं।

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री जी.के. निर्माम, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. जी.के. श्रीवास्तव, डॉ. एस. पटेल, डॉ. ए.के. दवे एवं विभिन्न परियोजनाओं के अन्वेषक डॉ. आर.के. नायक, डॉ. वी.एम. विक्टर, डॉ. पी.एस. पिसालकर, डॉ. एस.के. जोगदण्ड, डॉ. धीरज खलखों, सहित प्राध्यापक एवं वैज्ञानिकगण उपस्थित थे।

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