सुशील सन्नी अग्रवाल ने किया रावण दहन

रायपुर,

विजय दशमी के पावन अवसर पर बुढ़ापारा के सप्रे शाला मैदान में दशहरा उत्सव समिति द्वारा भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था। प्रातः पतंगबाजी कार्यक्रम रखा गया था जिसमे भारी संख्या में युवा एवम बच्चों ने पतंगबाजी का आनंद लिया तथा रंग बिरंगी पतंग उड़ाये, तत्पश्चात 3 बजे से संगीतमय राम लीला का आयोजन किया गया था,जिससे वहां भक्तिमय वातावरण बनने से भक्तगण श्रीराम भक्ति में गोते लगाते रहें।

कार्यक्रम के अंत में सायं को छत्तीसगढ़ भवन एवम अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के माननीय अध्यक्ष सुशील सन्नी अग्रवाल रावण दहन कार्यक्रम में अध्यक्ष के रूप में उपस्थित हुए, तथा दशहरा उत्सव समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने उनका भव्य स्वागत किया गया।

सन्नी अग्रवाल ने वहां उपस्थित सभी श्रद्धालुगण को विजय दशमी की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा की प्रतिवर्ष हम इस बुराई के प्रतीक रावण का दहन करते हैं, पर मैं कहता हूं की सिर्फ बुराई के प्रतीक को ही नही समाज में व्याप्त बुराई अर्थात रावण को भी जलाओ और आपस में भाईचारा निभाते हुए एक अच्छे नागरिक की तरह मर्यादा पुरषोत्तम श्रीराम के आदर्शों पर चलकर भारत को विश्व में अग्रणी बनाएं। आज पूरे देश में हमको धर्म के नाम पर लड़ाकर पूरे देश में वैमनस्यता फैलाई जा रही है, फूट डालो और शासन करो की नीति अपनाकर कुछ लोग एक भाई को दूसरे भाई से लड़वाने का कार्य कर रही है, ऐसे बुराई के प्रतीक रावण को भी हमे जलाना है।

भूपेश सरकार द्वारा प्रदेश के भांचा भगवान राम के मर्यादा को युगों युगों तक लोग याद रखें, इसलिये पूरे प्रदेश भर में राम वन गमन पथ बनाकर पूरे समाज एवम प्रदेश को संदेश दिए हैं की हम सर्व धर्म को मानने वाले लोग है, सदैव बुराई में अच्छाई के प्रतीक की पूजा करने वाले लोग है।

तत्पश्चात भगवान श्रीराम का आशीर्वाद लेते हुए मैदान में निर्मित विशाल रावण, कुंभकर्ण एवम मेघनाथ के पुतले का दहन अग्रवाल के हाथों किया गया एवम श्रद्धालुओं के मनोरंजन हेतु आकर्षक आतिशबाजी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर बुढ़ापारा दशहरा उत्सव समिति के अध्यक्ष श्री लक्ष्मण गौली,सचिन शर्मा, ब्लाॅक अध्यक्ष, राम लोखंडे, कोषाध्यक्ष, नवीन चंद्राकर, उपाध्यक्ष, कमलेश नथवानी, सचिव, अजय देवांगन, सहसचिव, कांग्रेस के कार्यकर्ता, एवं दशहरा उत्सव समिति के समस्त सदस्यगण सहित विशाल संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहें।

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