आगरा
आगरा में तैनात सेना के जवान परमजीत सिंह की जासूसी के बाद आरोप में गिरफ्तारी के हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। ताजमहल सहित सभी स्मारकों के साथ रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर सतर्कता व जांच बढ़ा दी गई है। इधर, आगरा में दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम भी जांच को पहुंची। छानबीन के बाद टीम वापस लौट गई है। हालांकि इस मामले में कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं है।
आतंकी साजिश के खुलासे के बाद एलआईयू और इंटेलिजेंस की टीमें चप्पे चप्पे पर नजर रख रही है। ताजमहल के अंदर और बाहर समेत सभी स्मारकों, बस स्टैंड व रेलवे स्टेशनों पर सघन चेकिंग की जा रही है। होटलों के संचालकों को हर यात्री की पूर्ण जानकारी और सीसीटीवी चालू रखने के अलावा संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तत्काल पुलिस को जानकारी देने के आदेश दिए गए हैं।
आगरा में सेना की महत्वपूर्ण पैरा रेजिमेंट के साथ आयुध डिपो, एडीआरडीई व अन्य संवेदनशील संस्थान हैं। ताजमहल सहित सभी दर्शनीय इमारतों की सुरक्षा का जिम्मा भी एजेंसियों पर है। पुलिस ने सेना के जवान के पाकिस्तान कनेक्शन की जानकारी होते ही सभी जगह सुरक्षा कड़ी कर दी है। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम इस मामले में जानकारी जुटाने के लिए आगरा पहुंची थी। हालांकि टीम के बारे में कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है, मगर गिरफ्तार जवान परमजीत के बारे में कुछ लोगों से पूछताछ करने के बाद आवश्यक जानकारियां भी जुटाईं।
ये है मामला
सेना के दस्तावेजों की पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी के आरोप में दिल्ली क्राइम ब्रांच ने सेना को सब्जियां सप्लाई का ठेका लेने वाले आतंकी हबीबुल रहमान से पूछताछ के बाद आगरा कैंट में तैनात सेना के सिपाही परमजीत को गिरफ्तार किया गया है। परमजीत पर आरोप है कि वो हबीबुल रहमान को भारतीय सेना के खुफिया दस्तावेज देता था और हबीबुल रहमान उन दस्तावेजों को व्हाट्सऐप और टेलीग्राम के जरिये आएसआई को देता था। परमजीत दो साल पहले पोकरण में तैनात था, वहीं उसकी हबीबुल से मुलाकात हुई थी। हबीबुल के कुछ रिश्तेदार पाकिस्तान के सिंध इलाके में रहते हैं। वह कुछ साल पहले पाकिस्तान गया था। वहां वह आईएसआई के संपर्क में आया था।