भोपाल
मध्यप्रदेश में इस समय समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी जारी है। गरीबो को 3 माह का राशन एक साथ दिया जा रहा है। इन जनहितैषी कामो में लगे प्राथमिक सहकारी साख समितियों से जुड़े 98 कर्मचारियों ने कोरोना से संक्रमित होकर अपनी जान गवा दी है। सैकड़ों अभी भी कोविड संक्रमण से जूझ रहे हैं।
समर्थन मूल्य पर खरीदी और राशन वितरण के दौरान कोरोना संक्रमित होकर जान गवाने वाले कर्मचारियों के परिवारो को आर्थिक सहायता देने और कोरोना संक्रमित होकर इलाज करा रहे कर्मचारियों के इलाज का खर्च सरकार द्वारा वहन किए जाने और सहकारी समिति के सभी कर्मचारियों को मुख्यमंत्री कोरोना योद्धा कल्याण योजना में शामिल करने जैसी मांगों को लेकर मध्य प्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदोरिया और खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह को ज्ञापन देकर अभिलंब इन मांगों को पूरा करने की मांग की है। यदि मांगे पूरी नहीं होती है तो 6 मई से प्रदेशभर के सहकारी समिति कर्मचारियों ने आंदोलन पर जाने की चेतावनी भी दी है।
मध्य प्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ भोपाल के अध्यक्ष बीएस चौहान का कहना है कि कोरोना महामारी ने भयावह रूप ले लिया है। सहकारी समितियों से जुड़े कर्मचारी जन हितेषी उपार्जन और खाद्य वितरण का काम कर रहे हैं। 98 कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है और करीब 80 कर्मचारी कोरोनावायरसग्रस्त होकर मृत्यु की कगार पर है। उन्होंने मुख्यमंत्री को दिए अपने ज्ञापन में कहा है कि जो कर्मचारी कोरोना से अपनी जान गवा चुके हैं उनके परिजनों को शासन से कोई मदद नहीं मिली है। जो कर्मचारी कोरोना संक्रमित होकर अपनी जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं, उन्हें भी 2 से 3 सालों से वेतन नहीं मिल पाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि कर्मचारियों के आंदोलन के दौरान हुए समझौते के अनुसार मांगों के निराकरण का आदेश जारी किया जाए। यदि कर्मचारियों की मांगे पूरी नहीं होती है तो 6 मई से प्रदेश के सभी सहकारी समितियों के कर्मचारी फिर से अनिश्चितकालीन आंदोलन पर चले जाएंगे। इससे उपार्जन कार्य, खाद्यान्न वितरण, ऋण वसूली, ऋण वितरण जैसे कार्य पूर्ण रुप से बंद हो जाएंगे इसकी जिम्मेदारी शासन की होगी।
कोरोना महामारी की चपेट में आकर मरने वालों की सूची लंबी है। इंदौर जिले में 6 कर्मचारियों की कोरोना से मौत हुई है। खंडवा जिले में भी 7 कर्मचारियों ने कोरोना की चपेट में आकर अपनी जान गवा दी। बुरहानपुर में दो, खरगोन में दो, बड़वानी में दो, झाबुआ में तीन, अलीराजपुर में एक, धार में छह, शाजापुर में दो, उज्जैन में पांच, देवास में चार, मंदसौर में तीन, रतलाम में दो, शिवपुरी में एक, भिंड में एक, छिंदवाड़ा में 10, जबलपुर में तीन, नरसिंहपुर में एक, बालाघाट में चार, सिवनी में दो, होशंगाबाद में 5, हरदा में एक, राजगढ़ में 3, रायसेन में दो, विदिशा में चार, सीहोर में एक, रीवा में तीन, सतना में एक, उमरिया में दो, छतरपुर में एक, टीकमगढ़ में एक, दमोह में चार और सागर में 3 कर्मचारियों ने कोरोना के चलते अपनी जान गंवा दी।