संपर्क कॉल सेंटर के माध्यम से लगाई चौपाल, सरपंचों ने पूछा स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं के बारे में, डीपीएम ने दी योजनाओं की जानकारी

दंतेवाड़ा,

शासकीय कार्यों को ग्रामीण स्तर तक पहुंचाने के लिए कलेक्टर द्वारा संपर्क कॉल सेंटर का गठन किया गया है। कॉल सेंटर के माध्यम से नियमित रूप से शासकीय विभागों द्वारा जिले के सरपंच और सचिव को सरकार द्वारा चल रही योजनाओं की जानकारी और उनके सवालों का जवाब दिया किया जाता है ताकि क्षेत्र में सरकार की योजनाओं का लाभ आम आदमी तक पहुंच सके ।

आज स्वास्थ्य पर संपर्क कॉल सेंटर के माध्यम से चौपाल लगाई गई जिसमें दंतेवाड़ा के जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) संदीप ताम्रकार ने मुरकी सरपंच श्रीमती कारीबाई को स्वास्थ्य संबंधित जानकारी दी गई। उन्होंने बताया 104 नंबर पर कॉल करने से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और मदद ल जा सकती है| इनमें प्रसव, दवाओं के नाम आदि शामिल है| इस नंबर पर 24 घंटे विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध रहते हैं और वर्तमान में आयुष्मान कार्ड संबंधित जानकारी को 104 नंबर पर फोन करके जानकारी ली जा सकती है ।

छिंदनार की सरपंच श्रीमती संध्या शुक्ला ने हाट बाजार से संबंधित जानकारी चाही जिस पर ताम्रकार ने बताया कि हाट बाजार में डॉक्टर टीम नहीं आने पर संपर्क कॉल सेंटर नं 07856252412, 9302706669 या 104 नंबर पर सूचना देने की जानकारी दी जा सकती है । उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया परिवार नियोजन कराने पर हितग्राहियों के खाते में सीधे पैसा डाला जाता है , साथ ही प्रसव के लिए भी विभाग द्वारा हितग्राही के खाते में ही सीधे पैसा डाला जाता है| नगद भुगतान की कोई व्यवस्था नहीं है । उन्होंने सरपंच और सचिवों को बताया “मलेरिया जैसी बीमारी होने पर 104 पर सूचना दें, स्वास्थ्य विभाग से कुछ शिकायत या समस्या होने पर भी 104 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं ।‘’
सरपंच संध्या ने बताया उनके गांव में कैंसर के तीन मरीज हैं, जिसके जवाब में उन्हें बाल्को कैंसर हॉस्पिटल ले जाने की सलाह दी गई , साथ ही विभाग द्वारा हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया गया| , चेरपाल के सरपंच गुड्ड़ोराम लेखामी ने बताया संपर्क कॉल सेंटर से स्वास्थ्य योजना संबंधित जानकारी दी गई । यह जानकारियाँ गोंडी, हल्बी, छत्तीसगढ़ी भाषा में दी जाती है ।

बच्चों के विषय में ताम्रकार ने बताया ‘’सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का इलाज चिरायु योजना के अंतर्गत निशुल्क किया जाता है साथ ही कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती कर उनको सुपोषण स्तर तक लाया जाता है ।‘’

चिरायु योजना के अंतर्गत 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों स्क्रीनिंग की जाती है। यदि इनमें से किसी बच्चे में कोई बीमारी पाई जाती है तो उसका निशुल्क इलाज किया जाता है। बच्चों की स्क्रीनिंग के लिए चिरायु टीम अलग-अलग जगह पर जाकर जांच करती है।

पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में अति कुपोषित बच्चे को 15 दिनों के लिए रखा जाता है। उन्हें डाक्टरी सलाह के मुताबिक ही खुराक दी जाती है। बच्चों को 15 दिन रखने के बाद घर जाने के उपरांत उस बच्चे का समय समय पर फालोअप किया जाता है।साथ ही 150 रु प्रतिदिन के हिसाब से 2250/- माता पिता के खाते में क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाती है तथा जरूरी महसूस होने पर उसे दोबारा पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती किया जाता है ।
डीपीएम ताम्रकार ने किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करने की स दी| किसी भी बीमारी को छुपाने से बीमारी बढ़ती है और समय रहते चिकित्सा सुविधा मिलने से हम कई गंभीर बीमारियों से बच जाते हैं । अब तो स्वास्थ्य सेवा ग्राम स्तर तक पहुंच चुकी हैं ।

सरपंच संध्या शुक्ला ने बताया संपर्क कॉल सेंटर के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग में चल रही योजनाओं की विस्तृत जानकारी उन्हे मिली । ग्राम में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा कैसे उपलब्ध कराई जाए इसके बारे में भी जानकारी दी गई । वही जनप्रतिनिधि होने के नाते गुड्ड़ोराम का कहना है कि ग्राम का असली विकास लोगों के स्वस्थ और उनके द्वारा बेहतर जीवन जीने का ही नाम है । कॉल सेंटर के माध्यम से ग्रामीण स्तर में किस प्रकार लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर किया जाए की जानकारी मिली साथ ही 104 नंबर की उपयोगिता के बारे में भी विस्तार से समझाया गया ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here