श्री संकर्षण शरण जी ( गुरु जी) द्वारा वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ अष्टमी को माँ कामाख्या की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की गई एवं आज प्रातः नवमी का हवन संपन्न हुआ 

धर्म-कर्म,

परम पूज्य गुरुदेव श्री संकर्षण शरण जी ( गुरु जी) जो कि इस समय 9 दिन के व्रत के साथ मौन साधना में है । देश के सभी श्रद्धालुजन उनके माध्यम से,उनकी कृपा से घर बैठे ही मात रानी के दर्शन किए और पूजा में शामिल हो पाए।
वैदिक मंत्रों और पंचोपचार पूजा के साथ पूज्य गुरुदेव के निवास स्थान प्रयागराज, नैनी पर मंदिर में विधि-विधान से माता रानी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई । साथ में रात्रि को महानिशा पूजा जागरण भजन इत्यादि का आयोजन किया गया ।

अष्टमी और नवमी का हवन पूजन आज संपन्न हुआ 

कल 13 oct, को सायं 3 बजे से माँ कामाख्या की मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा, सामूहिक सप्तशती का पाठ, एवं रात्रि श्रेष्ठ भजन कलाकारों के द्वारा 8.30 से 11.30 तक भजन कीर्तन व 12 बजे महानिशा पूजा,आरती , प्रसाद वितरण ।WhatsApp Image 2021 10 14 at 10.10.30 AM

नवमी ,14 oct, को प्रातः हवन 7 बजे से प्रारंभ होकर 10.30 संपन्न हुआ, इस महा यज्ञ में 108 दुर्लभ जड़ी ,बूटी से वैदिक मंत्र ध्वनिघोष संग संगीत मय भव्य भवन का आयोजन किया गया, हवन में आसपास के काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे। इस दुर्लभ जड़ी ,बूटी की हवन से आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है, पूजा के साथ ही जड़ी-बूटी से हवन और उसकी सुगंध से हमारी पर्यावरण भी सुरक्षित होती है । साथ में लोगों की विचार धाराएं भी परिवर्तित होती है, सभी में भक्ति -भाव और सहानुभूति की भावना जागृत होती है। यह हवन देश के विभिन्न प्रान्तों में समय समय पर शिष्यों द्वारा हवन महा यज्ञ का आयोजन किया जाता है, भक्तजनों के आग्रह पर पूज्य गुरुदेव सामग्री की व्यवस्था उपलब्ध करा आचार्यों के माध्यम से और स्वयं आकर हवन संपन्न कराते है। यह हवन बड़े सौभाग्य से प्राप्त होता है,जड़ी बूटी के साथ अनेक प्रकार के वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया जाता है । WhatsApp Image 2021 10 14 at 12.25.58 PM

सभी दर्शनार्थी घर पर रह कर भी इस कार्यक्रम में शामिल हो पाए और सब लोग अपने घर से ही आरती, पूजा किए, सबके घर में माता रानी की जय कारा गूंजती रही। सबके मन में एक अलग तरह की आनंद और उल्लास थी। पूज्य गुरुदेव जी के मार्गदर्शन में आचार्य अंशुमान जी, अजय द्विवेदी जी ,रामायण आचार्य जी, सभी के द्वारा विधि- विधान से मंत्रोपचार कर माता रानी की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की गई।
छत्तीसगढ़ ,औरंगाबाद,दिल्ली, प्रयागराज समेत अलग-अलग स्थानों से लोग जूम के माध्यम से इस कार्यक्रम में जुड़े और माता रानी के भक्ति में डूबे रहे । गुरूजी सभी शिष्य,शिष्याओं को देश और प्रदेश वासियों को विजयादशमी की शुभकामनाये दिए ।