बीजिंग
चीन में तानाशाही की स्थिति क्या है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं, कि वहां लोग चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी और पार्टी के मुखिया शी जिनपिंग के खिलाफ आम चर्चा के दौरान या सोशल मीडिया पर किसी भी तरह से आलोचना नहीं कर पाएंगे। शी जिनपिंग और कम्यूनिस्ट पार्टी के खिलाफ आम बोलचाल के दौरान भी उनके खिलाफ बोलने वालों को सरकार पकड़ लेगी। इसके लिए चीन में एक हॉटलाइन लॉन्च किया गया है, जिसके जरिए शी जिनपिंग और कम्यूनिस्ट पार्टी की आलोचना करने वालों की शिकायत की जा सकेगी। कम्यूनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरा होने के मौके पर शी जिनपिंग ने अपनी जनता से बोलने की एक और आजादी छीन ली है।
विरोधियों पर वार पिछले 2 सालों में चीन में शी जिनपिंग के खिलाफ चीन के लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है। शी जिनपिंग के शासनकाल में चीन के लोगों की आजादी को खत्म की ही गई है, साथ ही साथ शी जिनपिंग ने कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिसका देश में विरोध हो रहा है। खासकर बीआरआई प्रोजेक्ट और कोरोनो वायरस को लेकर चीन की जनता शी जिनपिंग की काफी ज्यादा आलोचना कर रही है। कोरोना वायरस की वजह से चीन पूरी दुनिया में बदनाम हुआ है और विश्व के अलग अलग हिस्सों में रहने वालों चीनी नागरिकों को इसका अहसास हो रहा है, लिहाजा शी जिनपिंग की जबरदस्त आलोचना हो रही है, जिसे कुचलने के लिए कम्यूनिस्ट पार्टी अलग अलग तरीकों का इस्तेमाल कर रही है। पार्टी की आलोचना बर्दाश्त नहीं कम्यूनिस्ट पार्टी इस साल जुलाई में अपने सौ साल पूरे कर रही है। और चीन के अंदर से लोग लगातार शी जिनपिंग को सत्ता से हटाने की मांग कर रहे हैं और इसको लेकर पार्टी की काफी ज्यादा आलोचना हो रही है।