शिशु संरक्षण माह का हुआ शुभारंभ, विटामिन-ए और आईएफए सिरप पिलाई जाएगी, कुपोषित बच्चों की भी होगी पहचान

रायपुर,

बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने के उद्देश्य से शिशु संरक्षण माह की शुरुआत विधायक कुलदीप जुनेजा, पार्षद आकाश तिवारी और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मीरा बघेल द्वारा हमर अस्पताल राजा तालाब में बच्चों की विटामिन-ए सिरप और आईएफए (आयरन फोलिक एसिड) पिलाकर की गई ।
डॉ.बघेल ने बताया, “इस अभियान के दौरान जिले के 9 माह से 5 वर्ष तक के अंतर्गत आने वाले अनुमानित 2.70 लाख बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाई जाएगी । साथ ही 6 माह से 5 वर्ष तक के अंतर्गत आने वाले बच्चों को आईएफए (आयरन फोलिक एसिड) सिरप पिलाने का अनुमानित लक्ष्य 2.88 लाख रखा गया है। इन के लिए कुल 10 सत्रों का आयोजन किया जाएगा ।

इस अभियान के दौरान कुपोषित बच्चों की पहचान भी की जएगी जिसके लिए सत्र स्थलों पर बच्चों का वजन किया जाएगा । इस अभियान के दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए समस्त आवश्यक तैयारियां की गई है। जिसमें सत्र स्थल में शारीरिक दूरी (फिजिकल डिस्टेंसिंग) हैंड सैनिटाइजिंग, मास्क के साथ-साथ बच्चों को टाइमस्लाइड के अनुसार सत्र स्थल में बुलाया जाएगा ।

अधिकारियों ने सभी पालकों से अनुरोध किया है कि वह 4 मार्च से 8 अप्रैल 2022 तक चलने वाले शिशु संरक्षण माह के दौरान 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को सत्र स्थल पर लेकर अवश्य पहुंचे। साथ ही एएनएम और मितानिन को भी इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग करने का निर्देश दिया गया है। सत्र स्थल पर किसी बच्चे कावजन मानक वजन से कम होने की स्थिति में उसको पोषण पुनर्वास केंद्र भेजकर सुपोषित किया जाएगा ।

शिशु संरक्षण माह के शुभारंभ अवसर पर जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.आशीष वर्मा, उत्तर बीएमओ डॉ. पंकज किशोर मिश्रा, सांख्यिकी अधिकारी डीके बंजारे, जिला मीडिया प्रभारी गजेन्द्र डोंगरे, सीपीएम अंशुल थुदगर, अखिलेंद्र सिह, आशीष सिंह न्यूट्रीशन इंटरनेशनल, सुरेश शर्मा वैक्सीन कोल्ड चेन टैक्नीशियन, राज यदु सेक्ट्रियल असिस्टेंसस एवं हमर अस्पताल (यूपीएचसी) राजातालाब का समस्त स्टॉफ उपस्थित रहा।

क्यों जरूरी है विटामिन ए और आईएफए सिरप

विटामिन ए से भरपूर भोजन का नियमित सेवन हमारे शरीर के समुचित कार्य और विकास में मदद करता है, जो हमारी त्वचा, आंखों और दांतों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। विटामिन ए हड्डियों के विकास को बढ़ावा देता है। बीमारियों से लड़ता है और रोग प्रतिरोधक प्रणाली को भी मजबूत बनाता है। इसके अलावा यह शिशु को संक्रमण से लड़ने, नेत्रों की रोशनी को स्वस्थ रखने, और मजबूत दांत पाने में मदद करता है ।
वहीं आईएफए शरीर में हिमोग्लोबिन का स्तर सही रखता है| हिमोग्लोबिन के लिए शरीर में आयरन, फॉलिक एसिड, विटामिन सी, प्रोटीन और विटामिन बी 12 की मात्रा ठीक होनी चाहिए। ये शरीर के जरूरी तत्व हैं और इनमें से किसी को भी शरीर खुद नहीं बना सकता। अगर भोजन में इनमें से किसी भी तत्व की कमी हो तो शरीर में हीमोग्लोबिन कम हो जाता है और शरीर में पीलापन आ जाता है। इन सब कमी को दूर करने के लिए आईएफए बच्चों को दिया जाता है, ताकि बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता और शरीर में हुए विटामिन की कमी को पूरा किया जाए।

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