शिकायत निराकरण करने के निर्देश, केंद्र में MP के विभागों की 50 हजार कंप्लेन

भोपाल
प्रदेश के विभिन्न विभागों से संबंधित 50 हजार से अधिक शिकायतें दिल्ली में केंद्रीय कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में दर्ज हैं। इनमें से 11 हजार से अधिक शिकायतें जिला स्तर के साथ मंत्रालय और सचिवालय स्तर पर प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव स्तर से संबंधित हैं जिसका निराकरण करने में अधिकारी रुचि नहीं ले रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा इसके निराकरण की रिपोर्ट मांगे जाने के बाद मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ने संबंधित जिलों के कलेक्टरों और विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को चिट्ठी लिखी है। इसमें 45 दिन के भीतर समस्याओं के निराकरण के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही केंद्र सरकार में पेंडिंग शिकायतों को खत्म कराने में रुचि लेकर काम करने को कहा गया है।

 केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए मानीटरिंग सिस्टम सीपीजीआरएएमएस में ये शिकायतें दर्ज हैं जिसका निराकरण कराने के लिए प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने पत्र लिखा है। रस्तोगी ने कहा है कि इन शिकायतों को सीएम हेल्पलाइन में भी शामिल किया गया है ताकि त्वरित निराकरण हो सके। उनके द्वारा निराकरण किए जाने की स्थिति में सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर उसका अपडेट डालने के लिए भी कहा गया है। ये शिकायतें पुलिस की प्रताड़ना, कार्यवाही नहीं करने, स्कूल शिक्षा, बिजली, पानी, शहरी क्षेत्रों में विकास में गड़बड़ी, निर्माण में गड़बड़ी, चिकित्सकों की कमी और उपचार के नाम पर मची लूट, खनिज के अवैध परिवहन, भंडारण, खनन, पेंशन नहीं दिए जाने, उद्योग व रोजगार की अनदेखी, हवाई सेवाओं, आरक्षण समेत अन्य समस्याओं से संबंधित हैं।

सीपीजीआरएएमएस में जिला स्तर की 40 हजार शिकायतें पेंडिंग हैं जिसमें से सबसे अधिक मसले इंदौर और रीवा जिले के हैं। इंदौर की 4480, रीवा की 3443, भोपाल की 2513, सतना की 2362, ग्वालियर की 1937, उज्जैन की 1880, मुरैना की 1251, शिवपुरी की 1245, देवास की 1228, राजगढ़ की 1113 कम्प्लेन दर्ज हैं। इसके साथ ही विदिशा की 1084, भिंड की 1053 कम्प्लेन भी हैं जो एक हजार से अधिक शिकायत वाले जिलों में शामिल हैं।

सेंट्रलाइज्ड पब्लिक ग्रीविएंस रीड्रेस एंड मानीटरिंग सिस्टम (सीपीजीआरएएमएस) को केंद्रीयकृत सार्वजनिक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली भी कहा जाता है जिसे केंद्र के सार्वजनिक शिकायत निदेशालय (डीपीजी) और प्रशासनिक सुधार व लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सहयोग से तैयार किया गया है। केंद्रीय कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अधीन इस निदेशालय में राज्यों से पहुंचने वाली शिकायतों को दर्ज कर उनका निराकरण कराया जाता है।

जिन विभागों के विरुद्ध सबसे अधिक शिकायतें हैं, उनमें गृह विभाग सबसे आगे है। इस विभाग से जुड़ी 13011, स्कूल शिक्षा से संबंधित 3949, पंचायत और ग्रामीण विकास से जुड़ी 3844, नगरीय विकास और आवास से संबंधित 3707, उच्च शिक्षा संबंधी 2563, राजस्व विभाग से जुड़ी 2540, स्वास्थ्य विभाग से संबंधित 2540, वित्त संबंधित 1907, पुलिस मुख्यालय संबंधित 1380, तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण संबंधित 1265 शिकायतें हैं। इसके अलावा एक हजार से अधिक शिकायत वाले विभागों में ऊर्जा विभाग की 1195, श्रम संबंधित 1072, लोक निर्माण विभाग से संबंधित 1007 शिकायतें सीपीजीआरएएमएस में दर्ज हैं।