विश्व रक्तदाता दिवस पर 150 लोगों ने किया रक्तदान

जिला कलेक्टर रजत बंसल एवं सीएमएचओ आर.के.चतुर्वेदी ने किया रक्तदान

बस्तर,

विश्व रक्तदाता दिवस पर जिले में जरूरतमंदों को समय पर ब्लड उपलब्ध कराने को इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी एवं युवोदय के संयुक्त तत्वाधान में विश्व रक्तदाता दिवस मनाया गया। इस मौके पर मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 150 लोगों ने भाग लिया। रक्तदान शिविर में प्रमुख रूप से जिला कलेक्टर रजत बंसल, जिला पंचायत सीईओ, सीएमएचओ आर.के.चतुर्वेदी, पूर्व अधीक्षक के एल. आजाद, एचओडी पैथोलॉजी सहित अन्य अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने रक्तदान कर जिलेवासियों को रक्तदान करने के लिये जागरूक किया ।

कलेक्टर रजत बंसल ने नागरिकों से की अपील- “वैश्विक महामारी काल में जरूरतमंद हेतु रक्त की कमी ना हो उसे देखते हुए आप सभी गणमान्य नागरिक एवं रक्त दाताओं से अपील है कि समय-समय पर रक्तदान कर मानव जीवन को बचाने में अपना बहुमूल्य योगदान दें।”

इस मौके पर सीएमएचओ आर.के.चतुर्वेदी ने बताया: ” रक्तदान शिविर आयोजन करने का मुख्य उद्देश्य रक्तदान के प्रति लोगों को जागरूक करना है। रक्तदान करना महान कार्य है, इसे नियमित अंतराल पर करना चाहिए । रक्तदान से हार्ट अटैक की संभावनाएं कम होती हैं। आयरन की मात्रा को बैलेंस करने से लिवर हेल्दी बनता है और कैंसर का खतरा भी कम होता है। रक्तदान का एक फायदा यह भी है कि रक्तदान करते समय विभिन्न तरह के टेस्ट किए जाते हैं। अगर किसी व्यक्ति को कोई बीमारी है तो उसका भी पता चल जाता है। रक्तदान का महत्व हमको तब समझ में आता है जब हमारे किसी करीबी व्यक्ति को रक्त की आवश्यकता होती है । और हम उपलब्ध नहीं करा पाते हैं, इसलिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा आगे आकर रक्तदान में भाग लेना चाहिए ताकि जरूरत के समय रक्त उपलब्ध हो सके। रक्तदान के प्रति मन में बैठी हुए गलत धारणाओं को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर भी दूर किया जा सकता है । रक्तदान दुनिया का सबसे बड़ा दान है जो जीवन बचाता है।“

भारत में हर साल बीमारियों या गंभीर दुर्घटनाओं में घायल लोगों को करीब 1.20 करोड़ यूनिट खून की जरूरत पड़ती है। इसमें से मात्र 90 लाख यूनिट रक्त ही उपलब्ध हो पाता है और करीब 30 लाख लोगों को समय पर खून नहीं मिल पाता है जबकि इस कमी को मात्र एक फीसद आबादी रक्तदान कर पूरा कर सकती है,(राष्ट्रीय रक्त संचरण परिषद की रिपोर्ट के अनुसार )

क्यों मनाया जाता है यह दिवस
कार्ल लैंडस्टीनर के जन्मदिन के अवसर पर विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। कार्ल लैंडस्टीनर का जन्म 14 जून 1868 को हुआ था। उन्होंने 1900 में ABO रक्त समूह की खोज की थी। वह एक ऑस्ट्रियाई जीवविज्ञानी और चिकित्सक थे, जिन्हें चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस दिवस का आयोजन पहली बार 2004 में विश्व स्वास्थ्य संगठन और द इंटरनेशनल फेडरेशन द्वारा किया गया था। 2005 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की 58वीं बैठक में 192 देशों द्वारा विश्व रक्तदान दिवस को आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई थी।

कौन कर सकता है रक्तदान
रक्तदान करने के लिए रक्तदाता की उम्र 18 से 60 साल के बीच होनी चाहिए जिसका वजन 45 किलोग्राम से अधिक हो। शारीरिक रूप से सेहतमंद होना भी जरूरी है। खून में हीमोग्लोबिन का स्तर 12.5 जी/डीएल या इससे ऊपर होनी चाहिए। रक्तदान करने के 24 घंटे पहले शराब, धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन नही किया गया हो। रक्तदान करने वाले व्यक्ति को ब्लड प्रेशर, कैंसर, एड्स जैसी बीमारी नही होनी चाहिए। एक सेहतमंद व्यक्ति हर 3 महीने में रक्तदान कर सकता है।

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