विपक्ष ने घेरा- गोवा के ‘बीच’ पर दो नाबालिगों के साथ गैंगरेप, मुख्यमंत्री ने माता-पिता को ही दे डाली नसीहत

नई दिल्ली
गोवा के बीच पर दो नाबालिग लड़कियों के साथ गैंगरेप की घटना के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने विवादित बयान दिया जिसके बाद वह लगातार विपक्ष के निशाने पर हैं। दरअसल दो नाबालिग लड़कियों के साथ गैंगरेप की घटना पर प्रमोद सावंत ने विधानसभा में कहा कि बच्चों के माता-पिता को खुद का चिंतन करना चाहिए कि आखिर क्यों वो अपने बच्चों को इतनी रात में बीच पर भेज रहे हैं। सावंत ने बुधवार को सदन में कहा कि जब 14 साल का बच्चा पूरी रात बीच पर रुकता है तो उनके माता-पिता को खुद इस बारे में सोचना चाहिए। अगर बच्चे आपकी सुनते नहीं हैं तो इसकी जिम्मेदारी सरकार और पुलिस पर नहीं डाली जा सकती है।
 
मुख्यमंत्री ने माता-पिता को दी हिदायत
बता दें कि प्रमोद सावंत के पास गृह मंत्रालय की भी जिम्मा है। उन्होंने कहा कि माता-पिता की यह जिम्मेदारी है कि वह वह अपने बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें साथ ही उन्होंने इस बात की ओर भी इशारा किया कि उन्हें अपने बच्चों को खासकर कि नाबालिग बच्चों को रात में बाहर नहीं रहने देना चाहिए। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद कांग्रेस प्रवक्ता एल्टोन डी कोस्टा ने कहा कि तटीय राज्यों में कानून-व्यवस्था काफी खराब हो गई है। आखिर हमे रात में भी घूमने से क्यों डरना चाहिए। अपराधियों को जेल के भीतर होना चाहिए, जो कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं उन्हें आजादी से कहीं भी कभी भी घूमने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।
 
सुरक्षित गोवा की पहचान खत्म
गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विधायक विजय सरदेसाई ने कहा कि यह निंदनीय है कि मुख्यमंत्री इस तरह के बयान दे रहे हैं। नागरिकों की सुरक्षा पुलिस और राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। अगर वो यह सुरक्षा हमे मुहैया नहीं करा सकते हैं तो उन्हें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। निर्दलीय विधायक रोहन खाउंटे ने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि गोवा के मुख्यमंत्री माता-पिता पर आरोप लगा रहे हैं क्योंकि वो अपने बच्चों को रात में घूमने की इजाजत देते हैं। अगर राज्य सरकार हमारी सुरक्षा नहीं कर सकती है, तो तो सुरक्षा करेगा। गोवा का इतिहास है कि यहां महिलाएं सुरक्षित रहती हैं, लेकिन अब यह पहचान खो गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा पुलिस का किया बचाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सीधे तौर पर पुलिस पर आरोप लगाते हैं, लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि 10 बच्चे जो बीच पर पार्टी के लिए गए थे, उसमे से चार लोग बीच पर ही पूरी रात रुके थे, जबकि उसमे से छह लोग वापस घर लौट गए थे। जो चार लोग पूरी रात बीच पर रुके थे उसमे दो लड़के और दो लड़कियां थीं। नाबालिग बच्चों को खास तौर पर समुद्र किनारे रात नहीं बितानी चाहिए।
 
विपक्ष का आरोप, आरोपियों को बचा रही सरकार
बता दें कि गैंगरेप मामले में चार आरोपियों में से एक लड़का जोकि सरकारी कर्मचारी है और सिंचई विभाग में ड्राइवर है, उसने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए दो लड़कियों के साथ रेप किया और लड़कों को पीटा। सभी चारो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में बुधवार को सदन में बहस हुई। इस दौरान एक विधायक ने सदन में दाा किया कि इस पूरे मामले में एक प्रभावशाली व्यक्ति आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहा है, जबकि विपक्ष के एक अन्य नेता ने आरोप लगाया कि मंत्री ने पुलिस को फोन करके इस मामले की जांच को प्रभावित करने की कोशिश की है। स्पीकर राजेश पाटनेकर ने इस बयान को सदन की कार्रवाई से निकाल दिया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here