लोकतंत्र के खिलाफ है हिंसा, चुनाव के बाद मचा था उपद्रव: गवर्नर जगदीप धनखड़

 पुणे 
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को युवाओं से मानवाधिकारों के रक्षा की अपील करते हुए कहा कि हिंसा लोकतंत्र के खिलाफ है। 'स्वातंत्र्यवीर सावरकर स्मृति अभिनव भारत व्यासपीठ' के चार दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन करेत हुए धनखड़ ने कहा, ''पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा की पीड़ा देखकर, जिस हत तक इसकी भयावहता का प्रसार हुआ,, मैं अपको बता सकता हूं कि हिंसा लोकतंत्र का दुश्मन है।'' पुणे में नावलमल फिरोदिया लॉ कॉलेज की ओर से इस चार दिवसीय लेक्चर सीरीज का आयोज किया गया है। राज्यपाल ने आगे कहा कि हिंसा का सभ्य समाज और हमारी संस्कृति में कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा, ''यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ हिस्सों में हिंसा ने क्रूर रूप ले लिया है और चुनाव के बाद की हिंसा इस हद तक है।''

राज्यपाल ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, ''मैं युवाओं से यह सुनिश्चत करने की अपील करता हूं कि समाज हिंसा मुक्ति करें। युवाओं को इसके लिए फ्रंट फुट पर खेलना होगा और वे ऐसा करने के लिए काफी उपयुक्त हैं।" उन्होंने जोर देकर कहा कि नागरिकों के मानवाधिकार की रक्षा के बिना लोकतंत्र का कोई अर्थ नहीं है। धनखड़ ने कहा, ''मानवाधिकार सबसे मूलभूत अधिकार है। कुछ इलाके हैं जहां मानवाधिकारों का हनन हो रहा है।''

 कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए राज्यपाल ने उम्मीद जताई कि युवा उनकी सलाह मानेंगे। उन्होंने कहा, ''केवल युवा ही उन लोगों के खिलाफ खड़े हो सकते हैं, जो हिंसा फैला रहे हैं और हमारी उपलब्धियों को नीचा कर रहे हैं। मैं उनसे मानवाधिकारों की रक्षा की अपील करता हूं। मुझे उम्मीद है कि युवा मेरी अपील को सुनेंगे।'' राज्यपाल ने ये बातें ऐसे समय पर कही हैं जब एक दिन पहले ही कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है।

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