राष्ट्रीय बालिका दिवस : बालिकाओं ने जाने अपने अधिकार “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” थीम पर रंगोली बनाकर किया जागरूक

सुकमा। 

बालिकाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, और पोषण के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से प्रति वर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर दोरनापाल नगर के सुपोषण केंद्र में रंगोली कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमे स्कूली छात्राओ ने भाग लेते हुए “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” थीम पर कलाकृति बनाकर जागरूक किया। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्राओं को उपहार भी दिया गया। WhatsApp Image 2022 01 24 at 6.51.08 PM WhatsApp Image 2022 01 24 at 6.51.09 PM 1 e1643041077788

नगर पंचायत अध्यक्षा श्रीमती बबीता माड़वी ने बालिकाओं के शिक्षा, अधिकार वा सशक्तिकरण पर जानकारी देते हुए कहा, ” यह दिवस समाज में बालिकाओं की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन समाज में मौजूद बालिकाओं के प्रति विभिन्न प्रकार के क्षेत्रों में मौजूद भेदभावों को रोकने, बालिकाओं की देश में आवश्यकता के प्रति जागरुकता बढ़ाने और बालिकाओं के प्रति होने वाले शोषण को रोकने के उद्देश्य से कार्य किया जाता है। वर्तमान समय में लड़कियां हर क्षेत्र में अपना वर्चस्व कायम कर रहीं हैं। शहर ही नहीं बल्कि गांवों की लड़कियां आज अपने हुनर, योग्यता और बुद्धि से देश का नाम रोशन कर रहीं हैं। ऐसे में हर लड़की को आगे बढ़ने का अवसर मिलें, इसी प्रयास में राष्ट्रीय बालिका दिवस भी मनाया जाता है। लड़कियों को पता होना चाहिए कि उनके पास शिक्षा, स्वतंत्रता, पोषण इत्यादि अधिकार प्राप्त हैं। अच्छी शिक्षा लें और अपने अधिकारों को जाने। पढ़ लिख के अच्छे पद हासिल कर उन सभी लोगो के लिए एक मिसाल कायम करें जो बेटियों को कम समझते है और उनके अधिकार से वंचित रखते है। जितनी अच्छी शिक्षा लेंगे उतना ही हमारा ज्ञान बढ़ेगा।”

जनपद पंचायत कोंटा उपाध्यक्ष माड़वी देवा ने छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा:” बेटियां किसी से कमजोर नही होती उन्हे भी समान अधिकार दें ताकि बेटियां शिक्षा हासिल कर बेटो के साथ कंधे से कंधा मिला कर देश को विकसित बनाने में अपना सहयोग कर सके। ”

कोविड नियमों का पालन करते हुए मनाये गए इस कार्यक्रम में नगर पंचायत अध्यक्षा बबीता माड़वी, माड़वी देवा (उपाध्यक्ष जनपद पंचायत कोंटा) ,शिव कुमार भारती, पुनेंम हुर्रा, इमरान अख्तर (परियोजना अधिकारी), राजेश बघेल(यूनिसेफ), महेश झरकर(यूनिसेफ), सरोज कुंवर(पर्यवेक्षक), लखेश्वरी जगत (पर्यवेक्षक) और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मौजूद रहे।