नई दिल्ली,
मानसून सत्र से पहले नोटिफिकेशन आने का दौर जारी है। असंसदीय शब्दों की नई सूची जारी होने होने का विवाद अभी थमा भी नहीं था कि एक और नोटिफिकेशन जारी हो गया। यह नोटिफिकेशन जारी होते ही विवाद भी उफान पर पहुंच गया। संसद की कार्रवाई के दौरान आप अक्सर देखते होंगे कि कुछ सांसद या पार्टियां किसी विषय को लेकर संसद परिसर में ही धरने करने लगते थे। ज्यादातर ये धरने परिसर में स्थित महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने हुआ करता था। लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। दरअसल राज्यसभा सचिवालय के द्वारा जारी एक नोटिफिकेशन में कहा गया है कि संसद भवन परिसर का इस्तेमाल धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन या धार्मिक समारोहों के लिये नहीं किया जा सकता।
धरना-प्रदर्शन को लेकर यह नोटिफिकेशन ऐसे समय में सामने आया है जब एक दिन पहले ही लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी असंसदीय शब्दों के संकलन को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा था। मानसून सत्र से पहले राज्यसभा के महासचिव पी सी मोदी द्वारा जारी नोटिफिकेशन में इस विषय पर सदस्यों से सहयोग का अनुरोध किया गया है। बुलेटिन में कहा गया है कि, ‘‘ सदस्य संसद भवन परिसर का इस्तेमाल धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन या धार्मिक समारोहों के लिये नहीं कर सकते।’’
इस फैसले का विरोध करते हुए कांग्रेस महासचिव एवं राज्यसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि, ‘विषगुरू का ताजा प्रहार, धरना मना है। ’’ उन्होंने इसके साथ 14 जुलाई का नोटिफिकेशन भी साझा किया है।
फैसले का विरोध करते हुए कांग्रेस महासचिव एवं राज्यसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि, ‘विषगुरू का ताजा प्रहार, धरना मना है। ’’ उन्होंने इसके साथ 14 जुलाई का नोटिफिकेशन भी साझा किया है।
एक दिन पहले ही संसद में बहस आदि के दौरान सदस्यों द्वारा बोले जाने वाले कुछ शब्दों को असंसदीय शब्दों की श्रेणी में रखे जाने के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरते हुए कहा था कि सरकार की सच्चाई दिखाने के लिए विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी शब्द अब ‘असंसदीय’ माने जाएंगे। हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्पष्ट किया था कि संसदीय कार्यवाही के दौरान किसी शब्द के प्रयोग को प्रतिबंधित नहीं किया गया है बल्कि उन्हें संदर्भ के आधार पर कार्यवाही से हटाया जाता है तथा सभी सदस्य सदन की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं। लोकसभा सचिवालय ने ‘‘ असंसदीय शब्द 2021 ’’ शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों एवं वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है जिसमें जुमलाजीवी, बाल बुद्धि सांसद, शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप, चाण्डाल-चौकड़ी, गुल खिलाए, तानाशाह, भ्रष्ट, ड्रामा, अक्षम, पिट्ठू जैसे शब्द शामिल हैं।