राज्यपाल सुश्री उइके राजिम माघी पुन्नी मेला में हुई शामिल, संत समागम समारोह का किया शुभारंभ

राजिम/रायपुर

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने गरियाबंद जिले के राजिम में त्रिवेणी संगम तट पर लगने वाले प्रसिद्ध माघी-पुन्नी मेला के संत समागम समारोह का साधु-संतों की उपस्थिति में शुभारंभ किया। राज्यपाल सुश्री उइके ने भगवान राजीवलोचन की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि पवित्र नगरी राजिम में आकर अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है। राजिम पुन्नी मेले में आए साधु-संतों, श्रद्धालुजनों का मैं हार्दिक अभिनंदन करती हूं। यहॉं न सिर्फ सोंढूर, पैरी एवं महानदी का संगम है बल्कि धर्म अध्यात्म एवं आस्था का भी संगम है। साधु संतो का समागम छत्तीसगढ़ के साथ ही देशभर का आयोजन बन गया है।WhatsApp Image 2022 02 24 at 5.33.08 PM 1 WhatsApp Image 2022 02 24 at 5.33.08 PM WhatsApp Image 2022 02 24 at 5.33.10 PM 1 WhatsApp Image 2022 02 24 at 5.33.10 PM WhatsApp Image 2022 02 24 at 5.33.11 PM

किसी भी मेले का सामुदायिक और सामाजिक महत्व होता है। उन्होंने आगे कहा कि भारत हमेशा से ही साधु-संतों की भूमि रही है। संतों का जीवन सदैव परोपकार के लिए समर्पित रहता है। संतों के दिखाए मार्ग पर चलने से ज्ञान की प्राप्ति के साथ-साथ जीवन में सकारात्मक बदलाव भी आते हैं। उन्होंने राजिम के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यहां के मंदिरों में भारतीय स्थापत्य एवं मूर्ति कला के गौरवशाली इतिहास के दर्शन होते हैं।

राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि राजिम माघी पुन्नी मेले का विशेष सांस्कृतिक महत्व है, जहां लोक संस्कृति व आस्था का अनूठा संगम देखने को मिलता है। ऐसे आयोजनों से निश्चित ही जनमानस को उनकी पुरातन धार्मिक-सांस्कृतिक परंपराओं की जानकारी मिलती है। हमें स्थानीय कला, संस्कृति और धार्मिक आयोजनों के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाने की आवश्यकता है, जिससे छत्तीसगढ़ पर्यटन मानचित्र में उभर कर सामने आ सके। राज्यपाल ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना वायरस बचने के लिए अभी भी सावधानी बरतें और मास्क का उपयोग करें।

जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाया है, वे वैक्सीन जरूर लगाएं। संबोधन के अंत में राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि ऐसे पवित्र नदियों को स्वच्छ और पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाए रखने में अपनी सहभागिता निभानी होगी।

धर्मस्व एवं गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि हम मेला को लगातार अच्छा बनाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि हमने श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ख्याल रखा है। मंत्री ने राजिम मेला के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री उइके ने साधु-संतों को स्मृति चिन्ह भेंट की।

पवित्र त्रिवेणी संगम तट पर आयोजित महानदी आरती में शामिल हुई राज्यपाल सुश्री उइके

राज्यपाल सुश्री उइके राजिम में महानदी, पैरी व सोंढूर के संगम तट पर आयोजित प्रख्यात महानदी आरती में शामिल हुईं। उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष माघी पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक लगने वाले राजिम माघी-पुन्नी मेले में महानदी आरती का आयोजन किया जाता है।

राज्यपाल ने विभागीय स्टाल एवं सरस मेला का किया अवलोकन

राज्यपाल सुश्री उइके ने आज राजिम माघी-पुन्नी मेले के सरस मेला में लगाए विभिन्न स्टॉलों तथा महिला समूह द्वारा उत्पादित सामग्री का अवलोकन किया। राज्यपाल सुश्री उइके ने स्टॉलों में पहुंचकर समूह की महिलाओं से बड़ी आत्मीयता के साथ चर्चा की तथा उनके परिश्रम को सराहा। उन्होंने महिलाओं से उनके द्वारा तैयार सामग्रियों की जानकारी लेते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के स्थानीय उत्पादों और कलाकृतियों का संरक्षण-संवर्धन करने में उनका योगदान अतुलनीय है। इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री उइके ने सरस मेला स्टॉल के सँगवारी सेल्फी जोन में फोटो ली।

समारोह में राजिम विधायक श्री अमितेश शुक्ल, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राम सुंदर दास, महंत गोवर्धन शरण जी महाराज, उमेश आनंद जी महाराज, देवदास जी महाराज संत विचार साहेब, सिद्धेश्वरानंद जी महाराज मंच पर विशेष रूप से उपस्थित थे।

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