रायपुर,
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह कर्मचारी आंदोलन पर घड़ियाली आंसू मत बहाये भाजपा का चरित्र मूल रूप से कर्मचारी विरोधी है। रमन सिंह आज कर्मचारियों के हितैषी बनने का ढोंग कर रहे उस दिन को भूल गये जब नर्से हड़ताल में थी उनको दौड़ा-दौड़ा कर पिटवाया था, जेलों बंद करवाया था, रमन सिंह भूल गये उनके राज में शिक्षाकर्मियों के आंदोलन को उन्होंने कितनी क्रूरता से दमन करवाया था। महिला शिक्षाकर्मियों के लिये बाथरूम और शौचालयों में भी रमन सिंह ने ताला लगवा दिया था। रमन सरकार ने 10 अप्रैल 2006 को कर्मचारियों के हड़ताल के संबंध में आदेश निकाल कर बिना सूचना के हड़ताल पर जाने पर ब्रेक इन सर्विस वेतन काटने और अनुशासनात्मक कार्यवाही का नियम बनाया था। आज रमन सिंह अपने ही बनाये नियम को तानाशाही बता कर निंदा कर रहे है। भूपेश सरकार की प्राथमिकता में कर्मचारी है। मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी किया है। छत्तीसगढ़ के भूपेश सरकार कर्मचारियों के हित के लिए हमेशा से ही फैसले लेते रही है। कर्मचारियों को हड़ताल वापस लेकर सरकार पर भरोसा करना चाहिये, सरकार उनके हित में समय आने पर फैसला करेगी।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कोरोनाकाल में भी भूपेश सरकार ने कर्मचारियों के सातवें वेतनमान के बकाये का भुगतान किया था। शिक्षकों और शिक्षा कर्मियों के हितों को ध्यान में रखते हुए हुए 2 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले छत्तीसगढ़ के सभी शिक्षाकर्मियों के संविलियन शिक्षक के रूप में कर दिया गया है, इसके साथ ही प्रधान पाठक, शिक्षक और व्याख्याता के पदों पर पदोन्नति में 5 वर्ष के अनुभव को एक बार के लिए शिथिल करते हुए घटाकर 3 वर्ष के अनुभव के आधार पर पदोन्नति की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। अनुकंपा नियुक्ति के लंबित आवेदनों पर 10 प्रतिशत की सीलिंग हटाकर संवेदनशीलता से त्वरित निर्णय लेते हुए 3155 से अधिक पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं। इसके साथ ही कर्मचारियों को सप्ताह में आराम देने के लिए 5 दिन के कार्य दिवस की शुरूआत किया गया। कर्मचारी संगठनों से कांग्रेस पार्टी अपील करती है कि वे हड़ताल का रास्ता छोड़ कर काम पर वापस आये।