सीएम बघेल ने मिलेट्स से बने व्यंजनों को बढ़ावा देने विधायकों सहित विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत और सभी मंत्री को कराया लंच

मोटे अनाज को प्रोत्साहन देने के लिए भारत सरकार ने कमर कस ली है,आने वाले समय में मिलेट्स से छत्तीसगढ़ के किसानों को होगा लाभ । मिलेट्स को बढ़ावा देने मुख्यमंत्री की पहल सराहनी है जो की आज छत्तीसगढ़ विधानसभा में देखने को मिला।  

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत समस्त मंत्री मिलेट्स का लंच किये

 

रायपुर / कुलदीप शुक्ला

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधायकों को कराया मिलेट्स का लंच विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत समेत सभी मंत्री रहे मौजूद, विधानसभा में परोसे गए मिलेट्स से बने व्यंजन मुख्यमंत्री को भाया रागी से बना हलवा,विधायकों ने लिया रागी के पकोड़े , कोदो के भजिये और कुटकी के फरे का स्वाद,मिलेट्स को बढ़ावा देने मुख्यमंत्री की पहल.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आमंत्रण पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्यों ने बुधवार को मिलेट्स से बने व्यंजनों का लुत्फ उठाया । इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उन्होंने सभी व्यंजन का लुत्फ उठाया । उन्होंने कहा कि मुझे रागी का हलवा बेहद पसंद आया ।  साल 2023 मिलेट वर्ष के रूप में घोषित हुआ है । पिछले वर्ष हमने 52 हजार क्विंटल कोदो ,कुटकी, रागी की खरीदी की है । छत्तीसगढ़ एकमात्र राज्य है जो समर्थन मूल्य पर कोदो कुटकी रागी की खरीदी कर रहा है । इससे किसानों को लाभ हुआ है साथ ही उत्पादन भी बढ़ा है । मिलेट्स का उपयोग सभी को ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए क्योंकि इसमें बहुत से पौष्टिक तत्व होते हैं  ।

बता दे कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने दिल्ली प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें छत्तीसगढ़ के में संचालित मिलेट मिशन के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में मिलेट्स का प्रचुर मात्रा में उत्पादन होता है। प्रधानमंत्री मोदी ने मिलेट मिशन की तारीफ करते हुए कहा कि राजधानी रायपुर में मिलेट कैफे शुरू करें।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के समस्त सदस्यों हेतु मिलेट से बने व्यंजनों को प्रदर्शित करने तथा इसको लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से दोपहर भोज का आयोजन किया गया।  इसी क्रम में बुधवार को दोपहर के भोजन में कोदो, कुटकी एवं रागी के विभिन्न व्यंजनों के भोजन तैयार किये गये जिसमें मिलेट से तैयार किये गये छत्तीसगढ़ी व्यंजन भी शामिल रहे।

मिलेट्स लंच में विधायकों के लिये मिलेट्स से बने हर तरह के व्यंजन उपलब्ध रहे । खास बात है कि सभी व्यंजनों में छत्तीसगढ़ी का तड़का था । मेन्यु में रागी का  सूप , स्टार्टर में रागी के पकोड़े, कोदो के भजिये, बाजरा और गुड़ के पुये, कुटकी के छत्तीसगढ़ी फरे, रागी, कुटकी के चीले, मेन कोर्स में बाजरे की छत्तीसगढ़ी कढ़ी, लाल भाजी, जिमी कांदा, कोदो का वेज पुलाव, ज्वार, बाजरा , रागी के रोटी और पराठे का सभी ने स्वाद लिया। इसके साथ ही डेजर्ट में रागी, कुटकी का कप केक, रागी का हलवा, और कोदो की ड्राई फ्रूट्स खीर का लुत्फ उठाया ।

जी 20 में मोटे अनाज को प्रोत्साहन देने के लिए भारत सरकार ने कमर कस ली है

2023 से अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष आरम्भ हो गया है इसके फलस्वरूप सभी घरों की थालियों से गायब हो चुके मोटे अनाज के दिन फिर से बहुरने वाले हैं। मोटा अनाज और इसकी कृषि को प्रोत्साहन देने के लिए स्वयं प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत सरकार ने कमर कस ली है। भारत इस वर्ष शंघाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (एससीओ) तथा जी 20 जैसे अंतरराष्ट्रीय समूहों की अध्यक्षता कर रहा है देश के 55 शहरों में जी 20 सम्मेलन होने जा रहे हैं इसके अतिरिक्त भी इस वर्ष कई मेगा इवेंट देश में होने जा रहे हैं। मोटे अनाज को प्रोत्साहन देने के लिए इन अवसरों का भरपूर लाभ लिया जायेगा।

बता दे कि दिसंबर 2022 में न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुनियाभर के राजदूतों को मोटे अनाज से बने व्यंजनों की दावत दी, राजधानी दिल्ली में संसद सत्र के दौरान सभी सांसदों को मोटे अनाज से बने व्यंजन परोसे गये और उन्हें मोटा अनाज वर्ष के विषय में अहम जानकारी दी गई।अब मोटे अनाज की दावतों का सिलसिला सम्पूर्ण भारत ही नहीं वरन सम्पूर्ण विश्व में चल रहा है।

आने वाले समय में मिलेट्स से छत्तीसगढ़ के किसानों को होगा लाभ । मिलेट्स को बढ़ावा देने मुख्यमंत्री की पहल सराहनी है जो की आज छत्तीसगढ़ विधानसभा में देखने को मिला।  

कांकेर में सबसे बड़ी प्रोसेसिंग यूनिट- इस हेतु छ.ग राज्य लघु वनोपज संघ के माध्यम से प्रदेश में कोदो, कुटकी एवं रागी का न्यूनतम क्रय मूल्य निर्धारित करते हुए उपार्जन किया जा रहा है। वर्ष 2021-22 में कुल राशि रू. 16.03 करोड़ के 52,728 क्विंटल का कोदो, कुटकी एवं रागी का उपार्जन किया गया। प्रदेश में मिलेट के प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण केन्द्र स्थापित किये गये हैं तथा कांकेर जिले में अवनी आयुर्वेदा द्वारा 5,000 टन क्षमता के मिलेट प्रसंस्करण केन्द्र निजी क्षेत्र में स्थापित किया गया है। जो कि एशिया की सबसे बड़ी मिलेट्स प्रसंस्करण इकाई है।

कुपोषण दूर करने मिड डे मील में शामिल मिलेट्स- छत्तीसगढ़ में मिलेट्स को मिड डे मील में भी शामिल किया गया है जिससे कुपोषण को पूरी तरह समाप्त किया जा सके । स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील में मिलेट्स से बने व्यंजन दिये जा रहे हैं जिनमें मिलेट्स से बनी कुकीज,लड्डू और सोया चिक्की शामिल हैं ।

 

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