मातृशक्ति ही विश्व की निर्मात्री है : मंत्री सुश्री ठाकुर

भोपाल

पर्यटन, संस्कृति और आध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि मातृशक्ति ही विश्व की निर्मात्री है। मातृशक्ति ने ही भारत के वीर महापुरुषों को जन्म दिया और बचपन से ही उनके चित्त में स्वतंत्रता, देश प्रेम, त्याग, बलिदान जैसे महान गुणों को अंकुरित किया। अब यह समय है जब मातृशक्ति देश को विश्व गुरु बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करे।

सुश्री ठाकुर पंजाबी साहित्य अकादमी द्वारा श्री गुरु तेगबहादुर के 400वें प्रकाश पर्व पर आयोजित "राष्ट्रीय उत्थान में महिलाओं की भूमिका- वर्तमान परिपेक्ष्य में" विषय पर ऑनलाइन वेबिनार को संबोधित कर रही थी। सुश्री ठाकुर ने कहा कि पंजाबी समाज की महिलाएँ अपने शौर्य और बलिदान के साथ दीन और दुखियों की सेवाओं के लिए भी जानी जाती हैं। उन्होंने समाज-सेवा, समाज-परिवर्तन और समाज के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

मंत्री सुश्री ठाकुर ने गुरु तेग बहादुर को उनके 400वें प्रकाश पर्व पर कोटि-कोटि प्रणाम किया। सुश्री ठाकुर ने कहा कि गुरु तेग बहादुर का त्याग, धैर्य, साहस और कुरीतियों के विरुद्ध उनकी चेतना अनुकरणीय है। उन्होंने धर्मांतरण के खिलाफ मुखर होकर आवाज उठाई। औरंगजेब भी उनके साहस और आत्मबल को डिगा नहीं पाया था। उन्होंने भारत को विकास के पथ पर अग्रसर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

सुश्री ठाकुर ने वेबिनार में समाज सेवा से जुड़ी सभी महिलाओं से आव्हान किया कि कोरोना काल की संकट की घड़ी में समाज के दीन और दुखियों की मदद के लिए आगे आयें। आस-पास और पड़ोस के अनाथ बच्चों की पढ़ाई और लालन-पालन का बीड़ा उठाये, उन्हें शासकीय योजनाओं का पूरा लाभ दिलाये। आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर सुश्री ठाकुर ने सभी से आग्रह किया कि अपने-अपने घर की बैठकों में वीर महापुरुषों, वीरांगनाओं और क्रांतिकारियों के चित्र लगायें। ये चित्र परिवार में सद्गुणों का संचार करेंगे।

वेबिनार अखिल भारतीय सामाजिक समरसता मंच के तत्वावधान में पंजाबी साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित किया गया था। वेबिनार में पंजाबी साहित्य एकादमी निदेशक नीरू ज्ञानी, सरदार संत डॉ. स्वामी रामेश्वरानन्द, डॉ. निशा ठाकुर, सामाजिक समरसता मंच के मध्य भारत प्रदेश अध्यक्ष स. गुरदीप सिंह खनूजा, अखिल भारतीय महासचिव श्री बिहारी लाल, राष्ट्रीय महासचिव  श्री अविनाश जायसवाल और गुरबाणी प्रचारक बीबी अमृत कौर सहित पंजाबी समाज के श्रद्धालु, अनुयायी और समाज सेवक सम्मिलित हुए।

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