मप्र विधानसभा के मानसून सत्र की हंगामेदार शुरुआत, वॉकआउट

भोपाल
प्रदेश विधानसभा के मानसूस सत्र की शुरूआत हंगामे से हुई। दिवंगतों को श्रद्धाजंलि दिए जाने से पहले ही विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश की मांग को लेकर जमकर हुआ। इस दौरान पक्ष और विपक्ष की ओर से  आदिवासियों को लेकर राजनीति करने के आरोप-प्रत्यारोप भी लगते रहे। कांग्रेस के विधायक इस मुद्दे पर बेल में भी पहुंचे और बाद में सदन से वॉकआउट कर दिया।

सदन समवेद होते ही सभापति यशपाल सिंह सिसोदिया ने निधन का उल्लेख किया, इधर कांग्रेस के विधायकों ने विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश दिए जाने मांग कर दी। इस पर सभापति ने व्यवस्था देते हुए कहा कि तीन विधायकों का निधन हुआ है पहले हम सब उन्हें अपनी संवेदनाएं दे दें। इस पर कांग्रेस के विधायक बेल में पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के बीच दोनों पक्षों में बहस होने लगी। इस बीच आसंदी पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम आ गए। उन्होंने दोनों ओर से चल रहे बहस को शांत करने और समझाने के प्रयास किए, लेकिन सदन में शोरगुल और हंगामा बढ़ता गया, इसके बाद कांग्रेस ने सदन से वाक आउट कर दिया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सदन स्थगित होने के बाद मीडिया से चर्चा में कहा कि 15 नवम्बर को बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस समारोह पूर्वक मनाएगी। इस दिन अवकाश घोषित रहेगा। आज सदन में कांग्रेस ने जो किया उसकी और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के बयान की वे निंदा करते हैं। भाजपा ने आदिवासियों के हित में हमेशा काम किए हैं। कभी कमी नहीं होने दी।  आदिवासी दिवस पर कांग्रेस काल में घोषित छुट्टी को निरस्तीकरण को नेता प्रतिपक्ष द्वारा श्रद्धांजलि देने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शर्म आनी चाहिए, कांग्रेस के लोग घटिया राजनीति कर रहे हैं। भाजपा सरकार ने हमेशा ही एससी, एसटी वर्ग के लिए काम किया है। सरकार की योजनाओं का लाभ इन वर्गों का मिलता है।

विधानसभा परिसर में मीडिया से चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश के सवा दो करोड़ आदिवासी है। आदिवासी ठेके या कमिशन के लिए भूखा नहीं है, वह सम्मान का भूखा है। मेरी सरकार ने आदिवासियों के लिए आज के दिन की छुट्टी घोषित की थी। ब्लॉक को कार्यक्रम करने के लिए पैसा भेजा था। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा की जयंती पर यदि अवकाश है, तो सवा दो करोड़ लोगों के लिए एक और अवकाश बढ़ाया जा सकता है।