भूपेश सरकार से अनियमित कर्मचारी, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी नाराज

रायपुर/कुलदीप

राज्य की कांग्रेस सरकार पर अब अनियमित कर्मचारी, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी नाराज है ! उनके मुताबिक कांग्रेस ने सत्ता में आने से पूर्व उनसे वादा किया था कि कुर्सी मिलते ही उनकी नौकरी पक्की कर दी जाएगी | लेकिन इस सरकार को सत्ता में आए 04 साल पूरा होने जा रहा है, लेकिन उनकी नौकरी आज भी दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की ही तरह है ! राज्यभर के लाखों कर्मचारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से वादा निभाने की मांग कर रहे है ! उनकी दलील है कि जल्द ही सरकार ने फैसला ले !

“संयुक्त अनियमित मोर्चा” के अनुसार श्रमायुक्त दर के अस्थायी श्रमिक/ कलेक्टर दर के अस्थायी श्रमिक/ जॉब दर/ मानदेय/ अंशकालीन/ठेका/ प्लसमेन्ट/ आउटसोर्सिंग यह सभी किसके अंतर्गत आते है ?

दैनिक वेतन भोगी या अनियमित ?

ये है इनकी मांगे –

  • परिभाषा स्पष्ट की जाए दैनिक वेतन भोगी व अनियमित कर्मचारी कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा।
  • श्रमायुक्त दर के अस्थायी श्रमिक/ कलेक्टर दर के अस्थायी श्रमिक/ जॉब दर/ मानदेय/ अंशकालीन/ठेका/ प्लसमेन्ट/ आउटसोर्सिंग यह सभी किसके अंतर्गत आते है? दैनिक वेतन भोगी या अनियमित ? किस श्रेैणी में आतें है सरकार स्पष्ट करें।
  • यदि उपरोक्त सभी इन मे नही आते, कुछ आते है व कुछ नही आते है, तो जो नही आते उनकी जानकारी भी पृथक से सामान्य प्रशासन विभाग मंगवाये।
  •  जिनसे 2 घण्टे का काम लिया जाता हैं 8 घण्टे की नौकरी दी जाए, जिन्हें 9 या 11 महीने का काम दिया जाता है उन्हें 12 महीने का कार्य दिया जाए, जिनसे 8 दिन का काम मिलता है उन्हें 30 दिन का काम दिया जाए, जो केन्द्र के योजना से वेतन प्राप्त करते है चाहे वे सविदा, श्रमायुक्त या कलेक्टर दर के कर्मी है उन्हें सामान्य प्रशासन स्पष्ट करे भविष्य में उन्हें विभाग में मर्ज किया जाना संभव है अथवा नही। राजेस्थान में व उड़ीसा में ऐसे केंद्रीय वेतन प्राप्त सविंदा कर्मियों के साथ उन राज्यो में जो निर्णय लिया गया वही प्रक्रिया अपनाया जाए प्लसमेन्ट/ ठेका/ आउट सोर्सिंग के कर्मियों को उनका विभाग सीधे वही वेतन वही पद अपने विभाग से प्रदान करे। इससे करोड़ो रूपये राजस्व का ठेका/ प्लेमसेन्ट/ आउट सोर्सिंग कम्पनियों को दिए जाने वाले लाभांश का होगा।
  • दैनिक वेतन भोगी यदि किसी भी विभाग निगम मंडल आयोग में नही है तो Mp सरकार की तर्ज पर सभी को श्रमायुक्त दर के अस्थायी श्रमिक की श्रेणी का मानकर इन्हें भी वर्तमान देय वेतन में यथा संभव वृद्धि देकर कर समस्त को नियमित “स्थायीकर्मी” किया जाए। सामान्य प्रशासन विभाग मध्य प्रदेश दिनांक 7 अक्टूबर 2016
  • राजस्थान व उड़ीसा की तर्ज में समस्त सविदा को छ ग में “स्थायीकरण” वाला नियमित किया जाए।

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