नई दिल्ली
अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद भारत के साथ रिश्तों को लेकर जो संशय था वैसे तो वह पहले ही खत्म हो चुका है, लेकिन नई दिल्ली पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने पूरी तरह स्पष्ट कर दिया कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के रिश्ते और गहरे होंगे और व्यापक होंगे।
पीएम मोदी और एनएसए डोभाल से भी हुई अमेरिकी विदेश मंत्री की वार्ता
ब्लिंकन की दिनभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ मुलाकात में अफगानिस्तान, चीन, कोरोना महामारी और आर्थिक रिश्तों को लेकर बात हुई।
भारत के साथ साझेदारी को मजबूत करना बाइडन प्रशासन की अहम प्राथमिकता
दोनों विदेश मंत्रियों के बीच एक घंटे चली द्विपक्षीय वार्ता के बाद ब्लिंकन का यह कहना, 'भारत और अमेरिका के रिश्तों जैसा दुनिया में और कोई महत्वपूर्ण रिश्ता नहीं है' उनके भारतीय दौरे का सार है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के साथ साझेदारी को मजबूत करना राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन की अहम प्राथमिकता है।
मानवाधिकार, प्रेस की स्वतंत्रता, लोकतांत्रिक मूल्यों पर हुई खुलकर बात
अमेरिकी विदेश मंत्री ने दिन में भारत की सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों से अलग से मुलाकात करके और बाद में संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में लोकतांत्रिक मूल्यों पर लंबा बयान देकर कहीं न कहीं यह संदेश भी दिया कि अमेरिकी सरकार इन मुद्दों को दरकिनार नहीं कर सकती। जाहिर है कि दोनों मंत्रियों के बीच वार्ता में मानवाधिकार, प्रेस की स्वतंत्रता, लोकतांत्रिक मूल्यों आदि पर खुलकर बात हुई और संकेत हैं कि इस मुद्दे पर कुछ विभेद भी रहे हैं।