नई दिल्ली,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 नवंबर को Integrated Ombudsman Scheme को लांच करेंगे, जहां पर एक जगह ही सभी बैंकों की शिकायतें का निपटारा हो पाएगा. अलग-अलग बैंकों से जुड़ीं शिकायतें संबंधित बैंकों के ईमेल या पोर्टल पर दर्ज कराने की जरूरत नहीं होगी. कस्टमर सभी शिकायतें एक ही जगह कर सकेंगे.’एक राष्ट्र-एक लोकपाल’ पर आधारित इस योजना में रिजर्व बैंक की ओर से रेगुलेटेड तमाम फाइनेंशियल इंस्टिट्यूट्स इस लोकपाल के दायरे में आएंगे. इसमें शिकायत दर्ज कराने के लिए एक पोर्टल, एक ही मेल आईडी होगी और एक ही टोल फ्री नंबर होगा.
यानी ग्राहकों के लिए अपनी शिकायत दर्ज कराने संबंधित दस्तावेजों को जमा कराना और शिकायत की स्थिति को ट्रैक करने का एक ही रेफरेंस प्वाइंट होगा. सरकार का मकसद ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम को मजबूत करना और उसमें ज्यादा सुधार करना जिससे आम लोगों को राहत मिल सके.
बीमा लोकपाल दिवस आज
गुरुवार 11 नवंबर को देश भर में बीमा लोकपाल दिवस जोर शोर से मनाया जा रहा है. बीमा से जुड़ी सभी तरह की शिकायतों का निपटारा करने के लिए इस साल मार्च में केंद्र सरकार ने बीमा लोकपाल एक्ट में बड़े बदलाव किए हैं, और देश भर में मौजूद 17 बीमा लोकपाल के ऑफिस को सहायता देने के लिए काउंसिल फॉर इंश्योरेंस ओंबड्समैन की भी स्थापना की है.
सभी इंश्योरेंस कंपनियों से जुड़ी शिकायतों को दर्ज करने के लिए इंश्योरेंस ओंबड्समैन किसी भी तरह की फीस चार्ज नहीं करता है. देशभर में मौजूद 17 ओंबड्समैन के पास वित्त वर्ष 2021 में इंश्योरेंस कंपनियों के क्लेम और पॉलिसी से जुड़ी 35019 शिकायतें आई, जिसमें ओंबड्समैन की ओर से 87 फीसदी से ज्यादा यानी 30,596 शिकायतों का निपटारा किया गया.
कोविड-19 के बाद ऑनलाइन शिकायत की सुविधा
कोविड-19 के बाद ऑनलाइन शिकायत दर्ज की सुविधा भी शुरू हुई. पॉलिसी होल्डर्स की शिकायतों के निपटारे के लिए देश भर में 17 बीमा लोकपाल के ऑफिस मौजूद हैं. देश में 58 बीमा कंपनियां (लाइफ इंश्योरेंस, जनरल इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस) हैं.
सभी कंपनियों की अपनी शिकायत निवारण व्यवस्था हैं. कस्टमर को पहले बीमा कंपनी में शिकायत करना होता है. अगर कंपनी से संतुष्ट नही हैं तो फिर बीमा लोकपाल से शिकायत करें, बिना किसी शुल्क के लोकपाल से शिकायत कर सकते हैं.
कब कर सकते है शिकायत?
कस्टमर की शिकायत भारत की लाइफ इंश्योरेंस, जनरल इंश्योरेंस या हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़ी होनी चाहिए और एजेंट, इंश्योरंस कंपनी या इंटरमिडियटरी से जुड़ी होनी चाहिए. यह ग्रुप इंश्योरेंस, सिंगल इंश्योरेंस पॉलिसी, प्रोपराइटरी फर्म को जारी और माइक्रो एंटरप्राइजेज को जारी पॉलिसी से होनी चाहिए.
बीमा से जुड़े मामलों की शिकायत पॉलिसी होल्डर के अलावा नॉमिनी या लीगल उत्तराधिकारी लोकपाल में शिकायत कर सकता है. इंश्योरेंस कंपनी के शिकायत निपटारा विभाग के की ओर से शिकायत पूरी या आंशिक तौर पर खारिज करने के बाद ही लोकपाल के यहां शिकायत की जा सकती है.
इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा शिकायत खारिज करने के एक साल के भीतर लोकपाल के यहां शिकायत करना जरूरी होता है. अगर, शिकायत किसी अन्य फोरम में litigation में लंबित है, तो लोकपाल में शिकायत नहीं की जा सकती है.