बस्तर में वनोपजों के वेल्यूएडिशन में रोजगार की भरपूर संभावना – बघेल

रायपुर
बस्तर में बहुमूल्य वनोपजों के वेल्यूएडिशन से रोजगार की भरपूर संभावना है। बस्तर की वनोपजों में वेल्यूएडिशन किया जाए, तो रोजगार के लिए बस्तर के युवाओं को बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है। वनोपजों के वेल्यूएडिशन और उनके व्यापार के जरिए न सिर्फ बस्तर के युवाओं को ही बल्कि अन्य क्षेत्रों के लोगों को भी रोजगार और आय के बेहतर साधन उपलब्ध कराए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में कोण्डागांव और दंतेवाडा जिले में 544 करोड़ 86 लाख रूपए के 788 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन के बाद समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

श्री बघेल ने कहा कि बस्तर के आम, इमली और काजू के प्रसंस्करण और वेल्यूएडिशन के बाद इन उत्पादों को देश-विदेश में काफी अधिक दाम पर बेचा जा रहा है। दंतेवाड़ा की डेनेक्स फैक्ट्री में तैयार गारमेंट अब बेंगलूरू में जा रहा है। ये बदलते बस्तर और दंतेवाड़ा की नई तस्वीर है। मुख्यमंत्री ने आदिवासी अंचल के लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में कोण्डागांव और दंतेवाड़ा जिला प्रशासन के अधिकारियों-कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमारे खेत और जंगल हमारी असली ताकत है, अपनी इसी ताकत से हम नवा छत्तीसगढ़ का निर्माण कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वेल्यूएडिशन के काम में और शासन की विभिन्न योजनाओं जैसे सुपोषण अभियान में जिन चीजों की आवश्यकता होती है, उनकी आपूर्ति के काम में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जाए। इससे न सिर्फ गुणवत्तापूर्ण सामग्री ही मिलेगी, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार और आय के अच्छे साधन भी मिलेंगे। बघेल ने इस संदर्भ में बस्तर के विभिन्न जिलों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा अण्डा उत्पादन और इसकी आपूर्ति मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत आंगनबाडि?ों में करने का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि सुपोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों में और स्कूलों के माध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के लिए पहले आंध्रप्रदेश और तेलंगाना से अण्डा मंगाए जाते थे, अब अण्डों की आपूर्ति महिला स्व-सहायता द्वारा मुर्गी पालन के जरिए उत्पादित अण्डों से की जा रही है।

श्री बघेल ने कहा कि कोण्डागांव और नगरी का तिखुर प्रसिद्ध था, अब विदेशों में भी छत्तीसगढ़ के तीखुर को पहचान मिलेगी। तिखुर के पेय बनाकर इसकी सप्लाई विदेशों में करने की पहल कोण्डागांव जिला प्रशासन द्वारा की गई है। इसी तरह बस्तर का अमचुर और काजू पहले ओडिशा के व्यापारी बहुत सस्ते में खरीदकर ले जाते थे, अब इनमें वेल्यूएडिशन कर इन्हें अच्छे दाम में बेचा जा रहा है। दंतेवाड़ा का अमचुर 70-75 रूपए किलो बिकता था, आज वेल्यूएडिशन के बाद 600 रूपए किलो और बस्तर का काजू 50 से 100 रूपए किलो के स्थान पर वेल्यूएडिशन के बाद 800 रूपए किलो में बेचा जा रहा है। इसका लाभ स्थानीय लोगों को मिल रहा है।  

मुख्यमंत्री बघेल ने कोण्डागांव मे 4 करोड 72 लाख रूपए की लागत से बनने वाली कोण्डानार स्पोटर््स अकादमी सहित कोण्डानार गारमेंट फैक्ट्री और केशकाल के समीप टाटामारी रिसॉर्ट का भूमिपूजन किया। उन्होंने कोण्डागांव जिले में एरोमेटिक कोण्डानार अभियान का शुभारंभ करने के बाद एरोमेटिक पौधों का रोपण करने वाले हितग्राहियों से चर्चा की। नरियर महाभियान के अंतर्गत इस मौके पर 10 हजार पौधों के वितरण और रोपण कार्य का शुभारंभ किया। इस मौके पर ट्रांसफॉर्मिंग रूरल फाउंडेशन और कोण्डागांव जिला प्रशासन के बीच तथा एसेंशियल आॅयल उद्योग स्थापित करने के लिए सन फ्लेग एग्रो प्रायवेट लिमिटेड तथा जिला प्रशासन कोण्डागांव के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। मुख्यमंत्री ने  बघेल ने उड़ान परियोजना के अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों तिखुर शेक, इमली चटनी एवं इमली कंन्सट्रेट तथा 7 प्रकार के अचार उत्पादों तथा मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की मॉनिटरिंग के लिए तैयार मोबाइल एप नंगत पिला लॉन्च किया।

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