रायपुर
एक ओर जहां पश्चिम बंगाल की नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने शपथ ग्रहण किया वहीं दूसरी ओर पूरे देश भर में भाजपा नेताओं ने बंगाल में हुए हिंसा के विरोध में अपने-अपने घरों के बाहर धरना प्रदर्शन किया। इसी कड़ी में राजधानी रायपुर में पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय, विधायक बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व मंत्री राजेश मूणत, भाजपा सांसद रामविचार नेताम, प्रदेश संगठन मंत्री पवन साय, और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह ने विरोध जताते हुए शाम 5 बजे तक धरने में बैठे रहे।
तृणमूल की यही पहचान, हत्या, हिंसा और हत्या, ममता बैनर्जी शर्म करो, राजनीति हिंसा बंद करो, ये जीत की जंग नहीं उनकी गुंडो की सरकार हैं, हर ओर जुर्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा हैं के नारों के साथ छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं ने पश्चिम बंगाल में जीत के बाद भाजपाओं को पीट-पीटकर उनकी हत्या किए जाने के विरोध में धरना -प्रदर्शन किए। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह रायपुर के मौलश्री विहार स्थित अपने घर में भाजपा सांसद रामविचार नेताम, प्रदेश संगठन मंत्री पवन साय, पूर्व मंत्री राजेश मूणत और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह के साथ दोपहर को 2 बजे धरने पर बैठे। इस दौरान उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद के तीन दिन में लोकतंत्र के इतिहास को कलंकित करने वाली हिंसा को पूरे देश ने देखा है। महिलाओं को घसीटकर घर से बाहर निकाला जा रहा है। युवकों की पीट-पीटकर हत्या हो रही है। उनके घरों को नष्ट किया जा रहा है। भाजपा के कार्यालय को आग लगाया जा रहा है। यह एक जगह की बात नहीं है। पूरे पश्चिम बंगाल के गांव-गांव में यह किस्सा दोहराया जा रहा है। सत्ता के मद में चूर ममता बनर्जी के गुंडे उनके इशारे पर जिस तरह का आतंक मचा रहे हैं। ऐसा प्रजातंत्र के इतिहास में कभी नहीं हुआ है।
वहीं दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, अपनी पत्नी कौशल्या साय एवं भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति सदस्य दीपक अंधारे के साथ अपने गांव बगिया स्थित घर में ही धरने पर बैठे हैं। इस दौरान पश्चिम बंगाल में हिंसा खत्म करने और हत्या, मारपीट, आगजनी में शामिल लोगों पर कार्रवाई की मांग की। जो लोग हिंसा में शामिल थे उनके नाम आइडेंटीफाई है इसलिए उनके ऊपर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए।
इसी प्रकार भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल शंकर नगर स्थित अपने बंगले के बाहर अकेले ही धरने पर बैठे। इस दौरान उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकतार्ओं पर हत्या और दुष्कर्म का आरोप लगाया। उन्होंने हिंसा में शामिल लोगों को फांसी देने की मांग की।