प्रवासी मजदूर कोरोना कर्फ्यू लगते ही महाराष्ट्र छोड़ने लगे, फिर नहीं झेलना चाहते लॉकडाउन का दर्द

  मुंबई 
महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बुधवार से राज्य में धारा-144 लागू करने की घोषणा कर दी है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की घोषणा के बाद कुछ प्रवासी कामगार अपने मूल स्थानों पर लौटने लगे हैं। प्रवासी श्रमिकों को मुंबई में लोकमान्य तिलक टर्मिनस सहित शहर के प्रमुख रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों से अपने गृह राज्यों के लिए रवाना होते देखा जा सकता है।

पिछले साल भारत बंद के दौरान उन्होंने जो दर्द झेला, उससे वे फिर नहीं गुजरना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "अब कर्फ्यू लगा दिया गया है, हम यहां क्या करेंगे? हम क्या खाएंगे? हम शहर छोड़ रहे हैं, क्योंकि हम उस दर्द से नहीं गुजरना चाहते हैं, जिसे हमने पिछले लॉकडाउन के दौरान सहन किया था।"आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण के कारण बीते साल मार्च में लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। इस दौरान कुछ दिनों तक सड़कों पर प्रवासी कामगारों की भारी भीड़ देखने को मिली थी। हालांकि बाद में उन मजदूरों के लिए सरकार की तरफ से ट्रेनों की व्यवस्था की गई और उन्हें उनके घरों तक पहुंचाया गया।  

कोरोना की दूसरी लहर में महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य है। मंगलवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार से धारा 144 लागू करने सहित राज्य में एक मई तक कई सख्त प्रतिबंधों की घोषणा की। हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि वह नए प्रतिबंधों को "लॉकडाउन" नहीं कहेंगे।

 

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