प्रयागराज-वाराणसी और कानपुर में भी लगा नाइट कर्फ्यू, सभी स्कूल कॉलेज के साथ कोचिंग सेंटर भी रहेंगे बंद 

लखनऊ
कोविड-19 संक्रमण के मामले उत्तर प्रदेश में बढ़ते जा रहा है। पिछले 24 घंटों में कोविड के छह हजार से ज्यादा मामले सामने आए है। तो वहीं, 40 मरीजों की कोरोना से मौत हो चुकी है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत प्रयागराज, वाराणसी और कानपुर जिले में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। इस दौरान रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक पाबंदी जारी रहेगी। इतना ही नहीं, वाराणसी में सभी स्कूल, कालेज और महाविद्यालय भी अगले एक सप्ताह के लिए बंद कर दिए गए हैं। हालांकि, इस दौरान सिर्फ आवश्यक सेवाओं जारी रहेंगी। दरअसल, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी। 

बैठक में सीएम ने कहा कि जिन जिलों में प्रतिदिन 100 से अधिक केस मिल रहे हैं, अथवा जहां कुल एक्टिव केस की संख्या 500 से अधिक है, वहां माध्यमिक विद्यालयों में अवकाश के संबंध में जिलाधिकारी स्थानीय स्थिति के अनुरूप निर्णय लें। ऐसे जिलों में रात्रि में आवागमन नियंत्रित रखने के संबंध में भी समुचित निर्णय लिया जाए, लेकिन किसी भी परिस्थिति में आवश्यक सामग्री जैसे दवा, खाद्यान्न आदि के आवागमन को बाधित न किया जाए। जिसके बाद प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत प्रयागराज, वाराणसी और कानपुर जिले के जिलाधिकारियों ने नाइट कर्फ्यू लगा दिया है। इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करवाने के लिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों ने पुलिस की तैनाती के भी निर्देश दिए हैं। बिना मास्क के बाहर निकलने या घूमने पर चालान के साथ ही एफआईआर भी दर्ज की जाएगी। 

इसी क्रम में प्रयागराज के डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने देर रात नई गाइडलाइन जारी करने के साथ रात्रि कर्फ्यू का आदेश दिया। गाइडलाइन के अनुसार यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। प्रयागराज के डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने कहा कि इस दौरान राशन, स्वास्थ्य, डीजल-पेट्रोल की आपूर्ति समेत अन्य आवश्यक सेवाओं पर किसी तरह की रोक नहीं होगी। हालांकि, सुबह आठ बजे तक दूध, सब्जी आदि जरूरत की वस्तुओं के लिए लोगों को परेशानी उठानी पड़ सकती है। तो वहीं, कानपुर जिलाधिकारी के मुताबिक, अगर किसी अपार्टमेंट में कोरोना का एक केस आता है तो अपार्टमेंट का संबंधित फ्लोर सील किया जाएगा। केस मिलने से दो सप्ताह तक पाबंदियां कंटेनमेंट जोन में लागू रहेंगी। इसमें अगर कोई बदलाव होगा तो वो स्वास्थ्य विभाग के अफसर करेंगे।
 

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