प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा द्वारा तीन जिलों में स्कूलों का निरीक्षण, लाकडाउन के बाद बच्चों के मूलभूत कौशलों का स्तर जानने का प्रयास

रायपुर,

छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा मूलभूत भाषाई एवं गणितीय कौशल विकास पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इस संबंध में स्कूलों में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों के मूलभूत कौशलों में सुधार किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस तारतम्य में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने विभिन्न कार्यक्रमों के परिप्रेक्ष्य में जमीनी स्तर पर की जा रही कार्यवाहियों को जानने हेतु तीन जिलों में पूर्व सूचना देकर स्कूलों का निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान उन्होंने मुख्यतः बच्चों से पुस्तकें पढ़वाकर और कुछ गणित के सवाल देकर बच्चों का स्तर जानने का प्रयास किया। कुछ स्कूलों में बच्चों ने ठीक से पढ़कर सुनाया वहीं कुछ स्कूलों में अटक-अटक कर एवं बिना समझे केवल पढने का कार्य ही वे कर पाए। गणित में भी बच्चे सरल अवधारणाओं की समझ बनाने में पूरी तरह सफल नहीं हो पाए। प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला द्वारा फील्ड में जिले एवं जमीनी स्तर के अधिकारियों को सुधार करने हेतु फटकार लगाई। उन्होंने सभी को एक माह का समय देते हुए अपने-अपने जिले के सभी निरीक्षण अधिकारियों को अपने अधीनस्थ शालाओं का निरीक्षण करते हुए केवल बच्चों के पठन, लेखन और गणितीय कौशल के विकास की ओर ध्यान देने, फोकस करने के निर्देश दिए। एक माह के बाद स्कूलों में बच्चे अटक-अटक कर पढ़ते पाए जाने एवं सरल गणित के सवालों को हल नहीं कर पाने की स्थिति में संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही किए जाने के संकेत दिए।

बिलासपुर जिले में प्रमुख सचिव द्वारा अंगना म शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत मेले का अवलोकन भी किया। मेले में विभिन्न काउंटर में माताओं द्वारा अपने बच्चों के साथ अलग-अलग गतिविधियां करते हुए घर पर रहकर सीखने के तरीकों का अनुभव ले रही थी। इस अवसर पर मेलें में सबसे सक्रिय माता को स्मार्ट माता के रूप में उन्होंने सम्मानित भी किया। बिलासपुर में यह सम्मान श्रीमती आराधना तान्दिया को मिला। गौरतलब है कि बच्चों के मूलभूत कौशलों में सुधार किए जाने के लिए राज्य की ओर से समय समय पर दिशा-निर्देश जारी होते रहे हैं। सौ दिवसीय गणितीय एवं पठन कौशल अभियान एवं ग्रीष्मकालीन अवकाश में कटौती के बाद विकासखंड शिक्षा अधिकारीयों के माध्यम से बहुत से कार्य फील्ड में किये जाने हैं। शालाओं में अकादमिक निरीक्षण के लिए भी कार्यक्रम तैयार कर आनलाइन प्रविष्टि हेतु अधिकारियों का प्रशिक्षण आयोजित किया जा चका है। निरीक्षण के अवसर पर उनके साथ समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक नरेंद्र दुग्गा, संयुक्त संचालक बिलासपुर से हीराधर, जिला शिक्षा अधिकारी बंजारा, सतीश पांडे एवं डी.के. कौशिक उपस्थित रहे।

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