प्रभावित पात्र किसानों को 1200 से 2500 वर्ग फीट आवासीय भूमि होगी आबंटित – वन मंत्री अकबर

रायपुर, 

वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण की बैठक उपरांत मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए बताया कि नई राजधानी प्रभावित किसानों के द्वारा विभिन्न मांगो को लेकर पिछले 02 माह से आंदोलन किया जा रहा है। किसानों ने जो मांगे रखी थी उनमें से अधिकांश मांग पूरी कर दी गई है। किसानों की मांगों पर विचार करने के संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा 03 सदस्यीय मंत्री स्तरीय समिति का गठन किया गया था। इसमें कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर तथा नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया शामिल है। किसानों की मांगो पर 03 बैठके क्रमशः 29 जनवरी, 14 फरवरी तथा 17 फरवरी 2022 को हुई। बैठक में नई राजधानी प्रभावित क्षेत्र के विधायक धनेन्द्र साहू भी शामिल हुए।

मंत्री स्तरीय समिति की बैठक के बाद 06 मांगों पर सिफारिश जारी की गई। नवा रायपुर अटल नगर के संचालक मण्डल की 25 फरवरी 2022 की बैठक में इस इन सिफारिशों को मान्य किया गया। इनमें मंत्री स्तरीय समिति द्वारा जो सिफारिशें की गई थी, उनमें ग्रामीण बसाहट का आवासीय पट्टा का वितरण अंतर्गत ग्रामीण बसाहट का आवासीय पट्टा दिए जाने के संबंध में पूर्व सरकार के कार्यकाल में ग्राम विकास योजना (व्हीडीपी) क्रियान्वयन की शर्त रखी गई थी। वर्तमान सरकार इस नई राजधानी प्रभावित किसानों के हित को प्राथमिकता में रखते हुए ग्राम विकास योजना के क्रियान्वयन की शर्त को हटा दिया गया है। जो व्यक्ति जहां पर बसा हुआ है, उसको विस्थापित करने की आवश्यकता न हो, यह ध्यान रखते हुए आबादी क्षेत्र या शासकीय भूमि पर अतिक्रमित है या जिसने नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण को जमीन दी है या प्रभावित की श्रेणी में आता है उसे पात्रतानुसार 1200 से 2500 वर्गफीट तक आवासीय भूमि दिया जायेगा। यह निर्णय भी तत्कालीन सरकार द्वारा अप्रैल 2013 में तय किया गया था। इसके लिए 07 सर्वे दल का गठन किया गया। 07 ग्रामों में सर्वे पूर्ण हो गया है। 03 ग्रामों में सर्वे को अंतिम रूप दिया जा रहा है और 03 ग्रामों में सर्वे की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

ऑडिट आपत्ति का होगा निराकरण और दी जायेगी राशि

आवास मंत्री अकबर ने चर्चा करते हुए बताया कि नई राजधानी प्रभावित किसानों की जो वार्षिकीय ऑडिट आपत्ति के कारण रोकी गई थी। प्रभावित किसानों को 15 हजार प्रति एकड़ तथा 750/-वार्षिक वृद्धि के साथ यह राशि 2031 तक देना है। इस संबंध में ऑडिट आपत्ति के कारण 6465 में से केवल 285 मामलों में ऑडिट आपत्ति के कारण आंशिक भुगतान किया गया है और आपत्ति की गई राशि भुगतान हेतु शेष है। ऑडिट आपत्ति का निराकरण शासकीय स्तर पर किया जायेगा एवं राशि का भुगतान किया जायेगा।

प्रभावित परिवारों को मिलेगा रोजगार

उन्होंने बताया कि नई राजधानी प्रभावित क्षेत्र के शिक्षित युवक-युवतियों को नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण में रोजगार के संबंध में किसान कल्याण समिति के चर्चा उपरांत यह तय किया गया कि ऐसे पद जो अकुशल, अर्द्धकुशल एवं कुशल श्रेणी के हैं ऐसे लोगों को रोजगार देने के संबंध में जो निविदा आमंत्रित की जायेगी उन निविदा में प्रभावित क्षेत्र के व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु 60 प्रतिशत रोजगार देने की अनिवार्यता होगी।

दुकान, गुमटी, चबुतरा व हॉल का होगा आबंटन

दुकान, गुमटी, चबुतरा लागत मूल्य पर आबंटन करने के संबंध में वर्तमान में आवेदन हेतु रिक्त 57 दुकान, 12 गुमटी, 04 हॉल एवं 71 चबुतरें का आबंटन लागत मूल्य पर आवेदन आमंत्रित कर लॉटरी के माध्यम से परियोजना प्रभावित परिवारों को आबंटित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि 13 और ग्रामों को अनापत्ति की आवश्यकता से मुक्त किया गया है। नवा रायपुर अटल नगर क्षेत्र में जमीनों की खरीदी बिक्री पर कलेक्टर की अनुमति के संबंध में भूमि का क्रय-विक्रय हेतु कुल 41 ग्रामों में से 27 ग्रामों में अनापत्ति प्रमाण पत्र की आवश्यकता थी जिसे कम कर लेयर-2 के सभी 13 ग्रामों को अनापत्ति प्रमाण पत्र की आवश्यकता से मुक्त किया गया। अनापत्ति की आवश्यकता से मुक्त किए जा रहे ग्रामों के नाम इस प्रकार हैं- कुहेरा, परसदा, पलौद, कोटनी, तांदुल, खण्डवा, पचेड़ा, भेलवाडीह, तेंदुआ, पौता, बंजारी, चेरिया, कुर्रू। उल्लेखनीय है कि पूर्व से 14 और ग्राम अनापत्ति की आवश्यकता से मुक्त थे। इस तरह कुल 41 ग्रामों में से 27 ग्राम अनापत्ति प्रमाण पत्र की आवश्यकता से मुक्त हो गए हैं। जो 14 ग्राम बचे है वे लेयर-1 के ग्राम है, जहां पर नई राजधानी क्षेत्र का निर्माण किया गया है।

उन्होंने बताया कि इस तरह नई राजधानी प्रभावित किसानों की अधिकांश मांग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर मंत्री स्तरीय समिति की सिफारिश पर नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण ने मान लिया है। इसे देखते हुए नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति से आग्रह किया जाता है कि वह अपना आंदोलन वापस ले लेवें।

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