नई दिल्ली,
पीएम नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी आज जीवन के 100वें वर्ष में प्रवेश कर गईं। हीराबा गुजरात के गांधीनगर के बाहर इलाके में रायसण गांव में मोदी के छोटे भाई पंकज के साथ रहती हैं। मोदी परिवार ने हीराबा के जन्मदिन पर अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर में भंडारा आयोजित करने की भी योजना बना रखी है। 100वें जन्मदिन के मौके पर पीएम मोदी ने गांधीनगर जाकर मां का आशीर्वाद लिया। इससे पहले मोदी मार्च 2022 में अपनी मां से मिलने गए थे। पीएम मोदी ने मां के लिए अपनी आधिकारिक वेबसाइट (www.narendramodi.in) पर ‘मां’ शीर्षक से एक ब्लॉग भी लिखा है। इसमें मोदी ने तमाम यादें ताजा करते हुए अपने जीवन में मां के महत्व को समझाया है। मां के नाम पीएम मोदी का पूरा ब्लॉग।
“मां, ये सिर्फ एक शब्द नहीं है। जीवन की ये वो भावना होती जिसमें स्नेह, धैर्य, विश्वास, कितना कुछ समाया होता है। दुनिया का कोई भी कोना हो, कोई भी देश हो, हर संतान के मन में सबसे अनमोल स्नेह मां के लिए होता है। मां, सिर्फ हमारा शरीर ही नहीं गढ़ती बल्कि हमारा मन, हमारा व्यक्तित्व, हमारा आत्मविश्वास भी गढ़ती है। और अपनी संतान के लिए ऐसा करते हुए वो खुद को खपा देती है, खुद को भुला देती है।
Maa…this isn’t a mere word but it captures a range of emotions. Today, 18th June is the day my Mother Heeraba enters her 100th year. On this special day, I have penned a few thoughts expressing joy and gratitude. https://t.co/KnhBmUp2se
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2022
आज मैं अपनी खुशी, अपना सौभाग्य, आप सबसे साझा करना चाहता हूं। मेरी मां, हीराबा आज 18 जून को अपने सौवें वर्ष में प्रवेश कर रही हैं। यानि उनका जन्म शताब्दी वर्ष प्रारंभ हो रहा है। पिताजी आज होते, तो पिछले सप्ताह वो भी 100 वर्ष के हो गए होते। यानि 2022 एक ऐसा वर्ष है जब मेरी मां का जन्मशताब्दी वर्ष प्रारंभ हो रहा है और इसी साल मेरे पिताजी का जन्मशताब्दी वर्ष पूर्ण हुआ है।
पिछले ही हफ्ते मेरे भतीजे ने गांधीनगर से मां के कुछ वीडियो भेजे हैं। घर पर सोसायटी के कुछ नौजवान लड़के आए हैं, पिताजी की तस्वीर कुर्सी पर रखी है, भजन कीर्तन चल रहा है और मां मगन होकर भजन गा रही हैं, मंजीरा बजा रही हैं। मां आज भी वैसी ही हैं। शरीर की ऊर्जा भले कम हो गई है लेकिन मन की ऊर्जा यथावत है।
वैसे हमारे यहां जन्मदिन मनाने की कोई परंपरा नहीं रही है। लेकिन परिवार में जो नई पीढ़ी के बच्चे हैं उन्होंने पिताजी के जन्मशती वर्ष में इस बार 100 पेड़ लगाए हैं।