प्रधानमंत्री मोदी की अध्‍यक्षता में खरीफ सीजन 2022 के लिए दी मंजूरी…किसानों को सस्ती कीमत पर उर्वरक उपलब्ध करा सकें

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नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने आज खरीफ सीजन-2022 (01 अप्रैल 2022 से 30 सितम्बर 2022 तक) के लिए फॉस्फेट और पोटास (पीएंडके) उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों से संबंधित उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

माल ढुलाई संबंधी सब्सिडी के माध्यम से स्वदेशी उर्वरक के लिए सहायता (एसएसपी) और डीएपी के स्वदेशी उत्पादन व आयात के लिए अतिरिक्त सहायता समेत मंत्रिमंडल द्वारा पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) खरीफ-2022 (01 अप्रैल 2022 से 30 सितम्बर 2022 तक) के लिए मंजूर की गई सब्सिडी 60,939.23 करोड़ रुपये होगी।

डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और इसके कच्चे माल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि को मुख्य रूप से केंद्र सरकार द्वारा वहन किया गया है। केंद्र सरकार ने डीएपी पर 1650 रुपये प्रति बैग की मौजूदा सब्सिडी के स्थान पर 2501 रुपए प्रति बैग की सब्सिडी देने का फैसला किया है,  जो पिछले साल की सब्सिडी दरों की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है। डीएपी और उसके कच्चे माल की कीमतों में लगभग 80 प्रतिशत वृद्धि हुई है।

इससे किसानों को रियायती, सस्ती और उचित दरों पर अधिसूचित पीएंडके उर्वरक प्राप्त करने और कृषि क्षेत्र का समर्थन करने में मदद मिलेगी।

 लक्ष्य

किसानों को सस्ती कीमतों पर इन उर्वरकों की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए खरीफ सीजन-2022 (01 अप्रैल 2022 से 30 सितम्बर 2022 तक लागू) के लिए एनबीएस दरों के आधार पर पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

सरकार उर्वरक उत्पादकों/आयातकों के माध्यम से किसानों को रियायती कीमतों पर यूरिया और 25 ग्रेड पीएंडके उर्वरक उपलब्ध करा रही है। एनबीएस योजना द्वारा पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी 01 अप्रैल 2010 से नियंत्रित की जा रही है। अपने किसान हितैषी दृष्टिकोण के अनुसार, सरकार किसानों को सस्ती कीमतों पर पीएंडके उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उर्वरकों और अन्य घटक यानी यूरिया, डीएपी, एमओपी और सल्फर की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में भारी वृद्धि को देखते हुए, सरकार ने डीएपी सहित पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी बढ़ाकर बढ़ी हुई कीमतों को वहन करने का निर्णय लिया है। उर्वरक कंपनियों को स्वीकृत दरों के अनुसार सब्सिडी जारी की जाएगी, ताकि वे किसानों को महंगी दर के बजाय सस्ती कीमत पर उर्वरक उपलब्ध करा सकें।

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