प्रतिबंधों से चीन की कॉटन इंडस्ट्री खतरे में  

बीजिंग
भारत से कॉटन और चीनी खरीदने को लेकर यू-टर्न लेने के बाद अब पाकिस्तान कॉटन खरीदने के लिए चीन के दरवाजे पर पहुंचा है। वहीं, शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों को प्रताड़ित करने को लेकर अंतर्राष्ट्रीय कॉटन प्रतिबंध झेल रहे चीन ने 20 से ज्यादा देशों को कॉटन खरीदने के लिए चीन बुलाया है और चीन के पिट्ठू ये 20 देश अब शिनजियांग से कॉटन खरीदेंगे। चीन से कॉटन खरीदने के लिए पाकिस्तान और नेपाल के अलावा रूस और ईरान भी पहुंचे हैं। दरअसल, चीन से कॉटन खरीदने पर अमेरिका, रूस और यूरोपीयन देशों ने प्रतिबंध लगा रखा है, ऐसे में चीन ने अपना कॉटन व्यापार को बचाने के लिए उन देशों को बुलाया है, जो या तो चीन से दोस्ती रखने पर मदबूर हैं या फिर जिन्हें चीन ने कर्ज देकर अपना गुलाम बना रखा है।

 खतरे में चीन की कॉटन इंडस्ट्री शिनजियांग प्रांत में चीन उइगर मुस्लिमों को प्रताड़ित करता है जिसे यूनाइटेड नेशंस और अमेरिका नरसंहार कह चुका है। शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों से चीन जबरन कपास की खेती करवाता है, लिहाजा शिनजियांग में बनने वाले कॉटन को बड़े बड़े देशों ने प्रतिबंधित लिस्ट में डाल दिया है। ऐसे में चीन का कॉटन इंडस्ट्री खतरे में आ गया है और ऐसे वक्त में चीन ने उन देशों को अपने यहां कॉटन खरीदने के लिए बुलाया है, जो चीन के सामने मुंह खोल नहीं सकते। चायना कॉटन एसोसिएशन ने गुरुवार को 20 देशों को शिनजियांग बुलाया और उन्हें कॉटन खरीदने के लिए कहा है। चायना कॉटन एसोसिएशन ने कहा है कि ‘हम पर्यावरण के अनुकूल, उच्च गुणवत्ता वाले, और कॉटन इंडस्ट्री की जरूरत के मुताबिक कॉटन प्रोडक्शन को प्रमोट कर रहे हैं' नेपाली और पाकिस्तानी अधिकारी पहुंचे पाकिस्तान में कॉटन इंडस्ट्री की स्थिति कपास नहीं मिलने की वजह से काफी खराब हो चुकी है। और इमरान खान ने भारत से कपास खरीदने के फैसले पर यूटर्न ले लिया है।

 ऐसे में पाकिस्तान के पास कोई विकल्प बचा नहीं है। और चीन के लिए तो पाकिस्तान वैसे ही गुलाम देश है। लिहाजा, पाकिस्तान अधिकारी भी चीन के बुलाने पर शिनजियांग प्रांत कॉटन देखने गये। वहीं, नेपाल का झुकाव पिछले कुछ सालों से चीन की तरफ हुआ है। और वो भी पाकिस्तान के साथ चीन के कॉटन इंडस्ट्री को देखने गया है। चीन की रिपोर्ट के मुताबिक 20 देशों के 30 अधिकारी शिनजियांग पहुंचे हैं। चीन में मुस्लिमों का नरसंहार दो दिन पहले चीन में मानवाधिकार की स्थिति-2020 को लेकर अमेरिका ने रिपोर्ट जारी की है। जिसमें पता चलता है कि चीन ने उइगर मुस्लिमों के साथ साथ चीन के शिनजियांग प्रांत में रहने वाले दूसरे छोटे छोटे समुदायों के साथ बेहद क्रूर व्यवहार किया है। उन्हें कैंपों में रखा गया और उनके ऊपर कई तरह की पाबंदियां लगी हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने मानवता के ऊपर जुर्म किया है लिहाजा इस रिपोर्ट को आधार बनाकर अमेरिका ने चीनी एक्शन को नरसंहार करार दिया है। इससे पहले अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के साथ हो रही हिंसा को नरसंहार ठहराया था। 

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