पाकिस्तान में सऊदी अरब ने खैरात में भेजी चावल की बोरियां, हर किसी के निशाने पर इमरान खान

रियाद/इस्लामाबाद
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान तीन दिनों के दौरे पर सऊदी अरब गये थे और वहां से वापस पाकिस्तान आने पर अब इमरान खान कह रहे हैं कि उनका दौरा बेहद कामयाब रहा है। लेकिन, पाकिस्तान के अंदर इमरान खान की थू-थू हो रही है। लोग पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को जमकर कोस रहे हैं और इसके पीछे जो सबसे बड़ी वजह है, वो है चावल को बोरियां। पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच कुछ समझौतों पर दस्तखत किए गये हैं, जिसमें सऊदी अरब ने आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को मदद देने की भी बात कही है लेकिन असली बवाल चावल की बोरियों को लेकर हो रहा है।
 
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री 7 मई से 9 मई के बीच सऊदी अरब के दौरे पर रहे और वापसी के वक्त सऊदी अरब ने इमरान खान को 19 हजार चावल की बोरियां भी दिए हैं। जिसके बाद पाकिस्तान में बवाल मच गया है और लोग इमरान खान को शर्म करने के लिए कह रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि अब पाकिस्तान की औकात खैरात में चावल और गेहूं लेने की ही रह गई है। सऊदी अरब से मिली इस जकात को लेकर पाकिस्तानी इमरान खान के खिलाफ काफी कड़ी प्रतिक्रिया दिखा रहे हैं। लोग इमरान खान को सबसे कमजोर और लाचार प्रधानमंत्री कह रहे हैं। वहीं, सऊदी अरब की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इमरान खान को जो जकात दिया है, उसे पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह और पंजाब में बांटा जाएगा। पाकिस्तान से आई रिपोर्ट के मुताबिक चावल की इन बोरियों से इन दोनों शहरों के एक लाख 14 हजार 192 लोगों को मदद मिलेगी।
 
पाकिस्तान सरकार की तरफ से जारी बयान के मुताबिक सऊदी अरब से मिले इस 440 टन चावल को पंजाब प्रांत के लाहौर, फैसलाबाद, खानेवाल, साहिवाल के साथ साथ खैबर पख्तूनख्वाह के कुछ जिलों में भी बांटे जाएंगे। सऊदी अरब से पाकिस्तान को मिली इस खैरात की खबर को पाकिस्तानी पत्रकार नायला इनायत ने भी शेयर किया है। वहीं, कई पूर्व किस्तानी डिप्लोमेट इमरान खान को आड़े हाथ ले रहे हैं। अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी ने बिना नाम लिए इमरान खान पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि 'हाल के दिनों तक पाकिस्तान चावल का निर्यात करता था, दूसरे देशों को चावल सप्लाई करता था लेकिन ऐसी क्या वजह हो गई है कि पाकिस्तान को सऊदी अरब से खैरात के तौर पर चावल लेने की जरूरत पड़ी है। सऊदी अरब को उदारता दिखाने के लिए आभार, लेकिन इस वक्त पाकिस्तान को आत्ममंथन करने की जरूरत है।'

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