पहले नेकी फिर इबादत’, बच्‍चे की जान बचाने को रोजा तोड़ किया रक्तदान

इससे पूर्व भी लगभग 50 से अधिक बार रक्तदान कर चुके

देहरादून
पहले नेकी फिर इबादत’, हर धर्म इंसान को यही शिक्षा देता है। उत्तराखण्ड पुलिस के जवान ने इसकी मिसाल पेश की है। उन्होंने रमजान के इस पाक महीने में रोजा तोड़कर एक बच्चे का जीवन रक्तदान करके बचाया।
देहरादून के हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रान्ट में गम्भीर रूप से बीमार एक 12 वर्षीय बच्चे को खून की आवश्यकता थी। इस सूचना पर SSP कार्यालय में तैनात आरक्षी शाहनवाज ने तुरंत अस्पताल पहुंचकर समय से पहले रोजा तोड़कर बच्चे को खून देकर उसकी जान बचाई। शाहनवाज इससे पूर्व भी लगभग 50 से अधिक बार रक्तदान कर चुके हैं।

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