चंडीगढ़
नवजोत सिंह सिद्धू के एडवाइजरों के द्वारा कश्मीर को भारत से अलग बताने और पाकिस्तान के समर्थन में दिए गए बयानों को लेकर पंजाब सीएम ऑफिस की तरफ से एक प्रेस नोट जारी किया गया है. जिसमें कैप्टन खेमे के कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, विजय इंदर सिंगला, भारत भूषण आशू, बलबीर सिद्दू, साधु सिंह धर्मसोत और पंजाब सरकार के प्रवक्ता राजकुमार वेरका ने नवजोत सिंह सिद्धू के एडवाइजरों के द्वारा एंटी-नेशनल और पाकिस्तान के समर्थन में किए गए कमेंट्स को लेकर उनके खिलाफ लीगल कार्रवाई की मांग की है.
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में शामिल मंत्री सुखजिंदर रंधावा, सुखबिंदर सरकारिया, तृप्त राजिंदर बाजवा, चरणजीत चन्नी और महासचिव परगट सिंह दिल्ली जाएंगे। खबर है कि 3 मंत्री और 20 कांग्रेस विधायक कैप्टन सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा के घर मिले हैं और अपनी रणनीति तैयार की है। इन विधायकों की बैठक करीब 2 घंटे चली। बैठक में चर्चा हुई कि कांग्रेस सरकार का पंजाब में अच्छा नहीं रहा है और हम चुनाव की तरफ बढ़ रहे हैं, ऐसे में लोगों में अमरिंदर सिंह सरकार के खिलाफ बहुत नाराजगी है।
अमरिंदर सिंह के राजनीतिक भविष्य पर उठ रहे सवाल
असंतुष्ट विधायकों व मंत्रियों की बैठक में कैप्टन अमरिंदर सिंह के भविष्य पर भी सवाल उठाए गए। पंजाब में साल 2022 में विधानसभा चुनाव होना है और ऐसे में अमरिंदर सिंह से असंतुष्ट नेता लामबंद होने लगे हैं। वहीं पंजाब की सियासत से जुड़े सियासी जानकारों के मुताबिक विधायकों की इस बगावत को नवजोत सिंह सिद्धू से अलग हटकर देखी जानी चाहिए। सिद्धू के अलावा कैप्टन अमरिंदर की कैबिनेट में ही एक ऐसा धड़ा है जो उनके खिलाफ है। यह धड़ा नवजोत सिंह सिद्धू के पहले भी कैप्टन का विरोध कर चुके हैं।
सिद्धू की ओर से माली के ट्वीट को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. वहीं सरकार के प्रवक्ता और सीएम अमरिंदर के करीबी राजकुमार वरका ने माली को नफरत ना फैलाने की सलाह दी और कहा कि मुझे लगता है कि कश्मीर का मुद्दा संवेदनशील है. किसी को भी ऐसे कमेंट से बचना चाहिए. मैंने जानता हूं कि उन्होंने ऐसा बयान किस संदर्भ में दिया है लेकिन उन्हें मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए.