नई दिल्ली
पंजाब कांग्रेस में लंबे वक्त से जारी अंदरुनी कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पार्टी के स्टार प्रचारक नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सुलह का जो फॉर्मूला तैयार हुआ है, उसमें पेच फंसता दिख रहा है। फॉर्मूले के मुताबिक, सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है। चुनाव से पहले जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए पार्टी सिद्धू के साथ एक हिंदू और एक दलित नेता को कार्यकारी अध्यक्ष बना सकती है। सूत्रों के मुताबिक, इस फॉर्मूले को लेकर कैप्टन गुट नाराज है।
प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल से मुख्यमंत्री है। पार्टी उनके नेतृत्व में ही वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी। पार्टी के एक नेता ने कहा कि इस सबके बावजूद सिद्धू ने जो मुद्दे उठाए हैं, वह जायज है। पार्टी ने वर्ष 2017 के चुनाव में जो वादे किए थे, वह पूरे होने चाहिए। बिजली का मुद्दा भी जायज है। यही वजह है कि पार्टी नेतृत्व को मुख्यमंत्री को इन वादों को जल्द पूरा करने के निर्देश देने पड़े।
वहीं, कांग्रेस के एक वरष्ठि नेता ने कहा कि पंजाब कांग्रेस में सुलह का फॉर्मूला सभी से चर्चा के बाद तय किया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कैप्टन ने भरोसा दिलाया था कि पार्टी नेतृत्व का फैसला मंजूर होगा। इसलिए, वह इसका विरोध नहीं करेंगे।