धोनी ने वर्ल्ड कप 2011 जीतने की दसवीं वर्षगांठ पर अपनी फेवरेट वनडे इनिंग के बारे में बताया

 नई दिल्ली 
भारत के सफल कप्तानों में से एक महेंद्र सिंह धोनी ने वर्ल्ड कप 2011 जीतने की दसवीं वर्षगांठ पर अपनी फेवरेट वनडे इनिंग के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ खेली गई नाबाद 91 रनों की पारी उनकी पसंदीदा वनडे पारी है। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में उनकी अगुवाई में भारत ने वर्ल्ड कप का खिताब 28 साल बाद अपने नाम किया। भारत में एक प्रमुख गल्फ ऑइल लुब्रिकेंट्स इंडिया लिमिटेड ने धोनी का वीडियो अपलोड किया है। उन्होंने इस मौके पर अपना नया कैंपेन लॉन्च किया। 

इस वीडियो में धोनी ने बताया कि वर्ल्ड कप 2011 का फाइनल एक बिल्कुल अलग अनुभव था। इस वीडियो में धोनी दो रोल में दिख रहे हैं। वो उम्र में खुद से छोटे धोनी जो 2005 के हैं, उनसे बातचीत कर रहे हैं।धोनी ने पूरे टूर्नामेंट में छठें नंबर पर पर बल्लेबाजी की थी। लेकिन फाइनल में उन्होंने खुद को प्रमोट किया और पांचवें नंबर पर खेलने आए। उनका ये फैसला मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ। उन्होंने इस मैच में महान ऑफ स्पिनर मुथैया मुरधीरन और सूरज रणदीव को लय में नहीं आने दिया।
 

धोनी ने अपनी नाबाद 91 रनों की पारी में 8 चौके और दो छक्के लागए। उन्होंने 49 वें ओवर में श्रीलंका के मध्यम तेज गेंदबाज नुवान कुलसेकरा की गेंद पर सिक्स मारकर भारत को 28 साल बाद दोबारा वनडे वर्ल्ड कप का विजेता बनाया। धोनी को उनकी पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। उनकी पारी की मदद से भारत ने 275 रन का लक्ष्य हासिल किया। उनके अलावा गंभीर ने 97 रनों की पारी खेली। धोनी ने इस वीडियो में बताया कि कैसे एक खिलाड़ी को अपने हर मैच में किस तरह से प्रयास करने और योगदान करने की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि आपका रवैया हर मैच में आपकी टीम की सफलता में योगदान करने का होना चाहिए।
 
धोनी ने कहा कि एक बल्लेबाज को अलग-अलग मैच परिस्थितियों के अनुसार खुद को तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि टॉप ऑर्डर और मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करना अलग है। इसके लिए आपको मानसिक तौर पर तैयार होना होगा। धोनी ने कहा, "आपको अलग-अलग परिस्थितियों के लिए भी अभ्यास करना होगा ताकि आप ना फंसे। भारत को दो वर्ल्ड कप जिताने वाले धोनी इस समय मुंबई में है और चेन्नई सुपर किंग्स टीम के साथ ट्रेनिंग कर रहे हैं।