दिल्ली को मिला विदेशों से आई मदद का बड़ा हिस्सा

 नई दिल्ली 
कोरोना की दूसरी लहर से उपजे संकट को झेल रहे भारत की मदद करने के लिए दुनिया के कई देशों ने हाथ बढ़ाया है। कोई ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर भेज रहा है तो कोई जरूरी दवा। इस बीच दिल्ली सरकार की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि उनके पास पर्याप्त ऑक्सीजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी है। हालांकि, सरकारी आंकड़े बताते हैं कि विदेशों से आने वाली सहायता का एक बड़ा हिस्सा दिल्ली को मिला है। 

7 मई तक के आंकड़ों को देखें तो अभी तक 14 देशों ने भारत को मदद पहुंचाई है और दिल्ली को इन सभी देशों से आने वाली मदद से कुछ-न-कुछ जरूर मिला है। अभी तक विदेशों से आए 2 हजार 933 ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर्स को आवंटित किया गया है और दिल्ली को इसमें से 1 हजार 432 मिले हैं। इसके अलावा भारत को मिले 13 ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट में से 8 दिल्ली को दिए गए हैं।

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता वाली कमेटी विदेशों से आने वाली मदद को आवंटित करने का काम देख रही है। कांत ने कहा, 'विदेशों से आने वाली सहायता को आवंटित करने का बेस्ट सिस्टम हमने बनाया। सबकुछ ऑनलाइन है। प्रक्रिया डिजिटल है। कोई देरी नहीं है। अब तक जो आया वह सब संबंधित राज्यों को भेज दिया गया है।'

दिल्ली को बड़ी संख्या में ऑक्सीजन संबंधित उपकरण दिए जाने से यहां मेडिकल ऑक्सीजन की कमी भी दिखती है। दिल्ली के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों ने दम तोड़ दिया और कोर्ट ने भी ऑक्सीजन की कमी के मामले का संज्ञान लिया था। विदेशों से मिली मदद में से राष्ट्रीय राजधानी को 1040 Bi pap/C pap, 334 वेंटिलेटर, 687 ऑक्सीजन सिलेंडर, 24 हजार 200 गाउन, 9 लाख 78 हजार मास्क और 25 हजार 586 रेमडेसिविर की खुराकें भी मिली हैं। ये सामान एम्स, सफदरजंग, लेडी हार्डिंग और राम मनोहर लोहिया अस्पताल, डीआरडीओ फैसिलिटी और अन्य संस्थानों को मिले हैं।