तालिबान को अलकायदा ने दी अफगानिस्तान जीतने की बधाई, संदेश की इस बात ने बढ़ाई भारत की टेंशन

अफगानिस्तान 
अफगानिस्तान में तालिबान की जीत पर अलकायदा ने बधाई दी है। उसके इस बधाई संदेश ने भारत के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। असल में अलकायदा ने इस बधाई संदेश के साथ कश्मीर समेत कई अन्य जगहों को इस्लाम के दुश्मनों से आजाद कराने की बात कही है। अमेरिकी सेनाओं के छोड़ने के बाद तालिबान ऐलान किया कि अफगानिस्तान ने पूर्ण आजादी हासिल कर ली है। इसके कुछ ही घंटे बाद अलकायदा ने तालिबान को बधाई वाला संदेश भेजा। 

क्या है अलकायदा के संदेश में 
अलकायदा ने तालिबान को भेजे बधाई संदेश का शीर्षक दिया है, ‘इस्लामिक उम्माह को अफगानिस्तान में अल्लाह द्वारा दी गई आजादी मुबारक।’ इस मैसेज में लिखा है, ‘ओ अल्लाह, लेवंत, सोमालिया, यमन, कश्मीर और दुनिया के अन्य इस्लामी जमीनों को इस्लाम के दुश्मनों को आजाद कराओ। ओ अल्लाह, दुनिया भर में मुस्लिम कैदियों को आजादी दिलाओ।’ अलकायदा ने अपने संदेश में आगे लिखा है कि हम सर्वशक्तिमान और सर्वविद्यमान ईश्वर की तारीफ करते हैं कि उसने अविश्वास के मुखिया अमेरिका को अपमानित किया और उसे शिकस्त दी। हम ईश्वर की तारीफ करते हैं कि उसने अमेरिका को तोड़ दिया और इस्लाम की धरती अफगानिस्तान पर उसे शिकस्त दी है। आगे उसने लिखा है कि निश्चित तौर पर अफगानिस्तान साम्राज्यों की कब्रगाह है। अमेरिका को मात देने के साथ इस देश ने दो दशकों के छोटे से समय में तीन बार अलगाववादी ताकतों को देश से निकाल बाहर किया है।

तालिबान की जीत को बताया प्रेरणा
अलकायदा ने अमेरिका को शैतान का साम्राज्य कहा है। साथ ही उसने तालिबान की इस जीत को दुनिया में दबे-कुचले लोगों के लिए प्रेरणा बताया है। उसने कहा है कि इन सारी घटनाओं से साबित होता है कि केवल जिहाद से ही जीत हासिल की जा सकती है। मैसेज में आगे कहा गया है कि अब वक्त आ गया है कि आगे के संघर्ष के लिए रास्ता तैयार किया जाए। अल्लाह की मदद से हासिल हुई यह ऐतिहासिक जीत मुस्लिमों को पश्चिम द्वारा मुस्लिम देशों पर थोपी गई गुलामी से बचने का रास्ता दिखाएगी। 

भारत के लिए इसलिए टेंशन
इस बीच भारत के लिए अलकायदा का यह मैसेज इसलिए भी टेंशन देने वाला है क्योंकि अफगान में तालिबान के उभार के बाद से ही कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में इजाफा हो गया है। ऐसी रिपोर्टें आई हैं कि अचानक से कश्मीर में कई आतंकवादियों ने घुसपैठ भी की है। वहीं पाक ऑक्युपाइड कश्मीर में कई आतंकी तालिबान की जीत का जश्न मनाते भी देखे गए हैं। 

अभी भी है तालिबान से अलकायदा का लिंक
गौरतलब है कि 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद दुनिया भर के देश यहां पर फिर से आतंकवाद के उभार को लेकर चिंतित हैं। बता दें कि फरवरी 2020 में अमेरिका और तालिबान बीच हुए समझौते में एक शर्त यह भी है कि वह आतंकी संगठनों, खासतौर पर अलकायदा को यहां पनपने नहीं देगा। हालांकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट में इस बात के कोई संकेत नहीं मिले हैं कि तालिबान ने अलकायदा से संबंध खत्म किया है, या मेलजोल कम किया है। 
 

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