कोरबा,
जिले की होनहार युवा पुलिस अधिकारी नूपुर उपाध्याय ने छत्तीसगढ़ पीएससी में एक बार फिर उम्दा प्रदर्शन किया है। उन्होंने दूसरे प्रयास में प्रदेश की इस सबसे बड़ी प्रशासनिक सेवा परीक्षा में 13वां रैंक हासिल किया है। पिछले साल ही जनवरी में नूपुर सीजीपीएससी के अपने पहले प्रयास में प्रदेश में 12वां रैंक प्राप्त कर डीएसपी चुनी गईं और खाकी वर्दी धारण किया। वर्तमान में वह राज्य पुलिस मुख्यालय प्रशिक्षण केंद्र चंद्रखुरी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं हैं।
राज्य प्रशासनिक सेवा परीक्षा परिणाम में दोबारा कमाल कर दिखाने वाली कोरबा की होनहार बेटी नूपुर यूपीएससी की तैयारी भी कर रहीं हैं। अपने लक्ष्य को पाने के उनके जुनून का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वे सिर्फ तीन-चार घंटे की नींद लेकर बाकी वक्त अपने अध्ययन और लक्ष्य के बारे में संजीदगी से तैयारी करते जुटी रहीं। अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बूते उन्होंने अपने परिवार के साथ, कोरबा व छत्तीसगढ़ को गौरवांवित किया है। नूपुर ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है, जिनके विश्वास और प्रोत्साहन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने अहम भूमिका निभाई। अपनी लगन और परिश्रम के बूते पिछले वर्ष उप पुलिस अधीक्षक के गौरवाशाली पद पर आसीन हुईं नूपुर के पिता सुरेश उपाध्याय शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल बांकीमोंगरा में प्राचार्य हैं। उनकी मां किरण उपाध्याय महिला एवं बाल विकास विभाग पोड़ी-उपरोड़ा में प्रभारी परियोजना अधिकारी हैं। उन्हें घर सब प्यार से पिंकी बुलाते हैं और अब अपनी लाडली बेटी पिंकी को डीएसपी की कड़क वर्दी में देख सभी को गौरवांवित किया। प्राचार्य उपाध्याय ने कहा कि अभी उनका सफर पूरा नहीं हुआ और अपनी मंजिल तक पहुंचने वे मेहनत जारी रखेंगी।
डीपीएस एनटीपीसी से पढ़ीं, इंजीनियरिंग की डिग्री: तीन भाई-बहन में सबसे बड़ी नूपुर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जिले के एनटीपीसी टाउनशिप स्थित डीपीएस जमनीपाली कोरबा से पूरी की। दसवीं के बाद कक्षा 11वीं एवं 12वीं की पढ़ाई उन्होंने विशाखापट्टनम में पूरी की। स्कूल की पढ़ाई के बाद नूपुर ने रुंग्टा कालेज आफ इंजीनियरिंग में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली चली गईं। यूपीएससी के साक्षात्कार में आकर भाग्य ने उनका साथ न दिया, जिसके बाद वे सीजीपीएससी के लिए चुन ली गईं हैं और वर्तमान में वह डीएसपी हैं और प्रशिक्षणरत हैं।