टाइम मैनेजमेंट अपना के कर सकते हैं अपने कामों को आसान

लाइफ स्टाइल

कुछ रिपोर्ट के अनुसार वर्कलोड हमारे वक्त का 60% हिस्सा ले लेता है। इनमें से बहुत से टास्क ऐसे होते हैं जो समय का ठीक तरीके से मैनेजमेंट न कर पाने की वजह से जरूरत से ज्यादा वक्त ले लेते हैं। ऐसे में टाइम बॉक्सिंग टेक्नीक मदद कर सकती है। दरअसल टाइम बॉक्सिंग एक गोल ओरिएंटेड टाइम मैनेजमेंट स्ट्रैटजी है जिससे न केवल वर्क प्रॉडक्टिविटी बढ़ती है बल्कि काम करने के तरीकों में भी बदलाव आता है। आंत्रप्रेन्योर इलोन मस्क और बिल गेट्स भी इस तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। यह टू-डू लिस्ट से बेहतर तरीका है। टाइम बॉक्सिंग तकनीक से आप अपने शेड्यूल पर पूरा नियंत्रण पा सकते हैं।

इस तरह करें टाइम सिलेक्शन

इसमें हर टास्क को करने के लिए घंटों और मिनटों के हिसाब से टाइम के बॉक्स बनाए जाते हैं। शुरुआत छोटे स्तर पर करें। पहले एक दिन या दोपहर तक के वक्त की सेलेक्ट करें। यानी दिन के कामों के लिए डेडलाइन तय करें और उसी अनुसार उन्हें निपटाएं। यह प्रैक्टिस कुछ सप्ताह तक करें और फिर आगे बढ़ें।

प्रैक्टिस से मिलेगी कामयाबी

अगर आप पहले दिन काम करने से भटक जाते हैं तो घबराएं नहीं क्योंकि इसमें वक्त लगता है। एक कागज पर लिखें कि ऐसा क्यों हुआ। कोशिश करें कि यह रिपीट ना हो। टाइम बॉक्स बनाने के बाद उसे भूल ना जाएं बल्कि सिस्टेमैटिक ढंग से टास्क को तय वक्त में पूरा करें। उदाहरण के तौर पर अगर आपके पास रुटीन के कामों के बीच एक अलग असाइनमेंट है जिसकी डैडलाइन करीब है तो अपने शेड्यूल में से रोज आधे घंटे का समय निकालकर वह काम पूरा करें। अमेरिकी लेखक जोको विलिंक कहते हैं, अनुशासन का मतलब है आजादी । अनुशासन से समय पर काम निबटाकर तनाव से मुक्त रह सकते हैं।

 

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