जिले के 3,000 स्कूलों में शिक्षकों को बनाया जाएगा नोडल अधिकारी

दुर्ग

 राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत स्कूलों को तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान बनाने के लिए कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन जिला पंचायत दुर्ग के सभागार में किया गया। जिले के 3,000 से ज्यादा शासकीय व निजी स्कूल परिसरों को तंबाकू मुक्त बनाने के प्रथम चरण में 60 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। इन शिक्षकों को प्रशिक्षण के बाद स्कूल परिसर के अंदर और बाहर 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पाद की बिक्री व सेवन पर अंकुश लगाने हेतु नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी दी जा रही है। नोडल अधिकारियों को स्कूलों में तंबाकू उत्पाद के सेवन करने पर शिक्षकों व छात्रों पर 200 रुपए जुर्माना लगाने का अधिकार भी दिया गया है। इसके अतिरिक्त छात्रों के लिए विभिन्न गतिविधियों को आयोजित करते हुए तंबाकू सेवन न करने की शपथ दिलाई  जाएगी। जिले के स्कूलों को 14 नवंबर 2021 तक तंबाकू फ्री शिक्षण संस्थान घोषित करने के लिए स्कूलों का मूल्यांकन 9  बिन्दुओं के आधार पर किया जाएगा।

राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) की जिला सलाहकार डॉ. सोनल सिंह ने बताया, “तंबाकू मुक्त जिला बनाने के लिए स्कूलों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाना है। इसके लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.  गंभीर सिह ठाकुर के दिशा निर्देश एवं जिला नोडल अधिकारी (एनटीसीपी) डॉ. आर.के. खण्डेलवाल के मार्गदर्शन सभी स्कूलों के एक-एक शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।“

इस दौरान डॉ. मुनिष भगत के द्वारा कार्यशाला में शिक्षकों को तम्बाकू की उत्पत्ति, तम्बाकू के उद्योग की जानकारी दी गई। साथ ही बताया गया, कि तम्बाकू की लत युवाओं को कैसे लगती है तथा निकोटिन की लत को कैसे छोड़ा जा सकता है। इसके लिए अपनाई जाने वाले तरीकों के बारे में जानकारी दी गई।  डॉ.भगत ने साथ ही तंबाकू उत्पादों उससे होने वाले विभिन्न प्रकार के कैंसर जैसे मुख, नाक, गला, आमाशय, यकृत के बारे में प्रतिभागी शिक्षकों को बताया गया।

राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत डॉ. सोनल सिंह के द्वारा कोट्पा एक्ट 2003 के तहत धारा 04 (सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध) एवं धारा 06 (नाबालिकों एवं शैक्षणिक संस्थानों के आसपास सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध) के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई एवं तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान में दिये गये निर्देश एवं मापदण्डों जैसे की सभी विद्यालयों में तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान का बोर्ड, स्कूल परिसर में तम्बाकू से संबंधित जागरूकता हेतु दीवार लेखन एवं प्रचार-प्रसार सामग्री, स्कूल के 100 गज के आसपास के क्षेत्र में कोई भी तम्बाकू उत्पादों की बिक्री एवं दुकान नहीं  हो। इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

उक्त कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग से काउंसलर ललित कुमार साहू एवं सोशल वर्कर कविता ताम्रकार ने बताया,  “संस्था के कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों के द्वारा तंबाकू का प्रयोग ना कर संस्था को तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान के रूप में स्थापित करना मुख्य उद्देश्य है। इसके लिए स्कूलों में हर दूसरे महीने तंबाकू से संबंधित जागरुकता कार्यक्रम एवं पेंटिंग, निबंध प्रतियोगिता आयोजित किए जाएंगे। हर स्कूल में एक- एक बालक एवं बालिका का चयन टोबैको वालिंटियर के तौर पर किया जाना है जो इस दायित्व का निर्वहन कर स्कूल को तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान बनाने में सहयोग प्रदान करेंगे।“

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