जशपुर जिले के बादलखोल अभ्यारण्य में लकड़ी की तस्करी जोरों पर…अभ्यारण्य वन माफ़िया के निशाना पर…

जशपुर.

जशपुर जिले के बादलखोल अभ्यारण्य में लकड़ी की तस्करी जोरों पर है। बताया जाता है कि बगीचा के बेंद बेतरा से लगे बादलखोल अभ्यारण्य के डूमरपानी का जहाँ बस्ती के बाद अभ्यारण्य क्षेत्र में वृक्षों की बेतहाशा कटाई की गई है, वही इधर वन अमला पुरे मामले से चुप्पी साध लिया है। जानकारी के मुताबिक बादलखोल अभ्यारण्य के डूमरपानी गाँव के बाद लगभग एक एकड़ क्षेत्र में पुराने पेड़ों की जमकर कटाई की गई है।

अभ्यारण्य क्षेत्र में हो रही बेतहाशा अवैध कटाई से घने वन तेजी से साफ़ होता जा रहा है। जंगल में चारों ओर अवैध कटाई का शिकार हुए पेड़ों की ठूंठ दिखाई दे रही है। वहीं अभ्यारण्य क्षेत्र का वन अमला,क्षेत्र में हाथी की निगरानी के नाम पर जंगल की पेट्रोलिंग से कतराते नजर आ रहे हैं। इसका लाभ वन माफ़िया जमकर उठा रहे हैं। अभ्यारण्य क्षेत्र में अवैध कटाई को लेकर कुनकुरी के विधायक यूडी मिंज ने अभ्यारण्य के उच्च अधिकारियों को पत्र लिख कर अपनी चिंता जताई थी। इसके बाद कुछ दिनों तक सब कुछ ठीक रहने के बाद इन दिनों स्थिति जस की तस हो गई है।

बादलखोल अभ्यारण्य का विस्तार जिले के तीन तहसील क्षेत्र जशपुर,कुनकुरी और बगीचा में है। इस क्षेत्र में हाथी के अलावा बंदर,भालू,लोमड़ी,सियार जैसे कई वन्य जीव पाए जाते हैं। स्थानीय निवासी बताते है कि पूर्व में इस क्षेत्र में इतने घन वन थे कि सूरज की रोशनी धरत तक नहीं पहुंच पाती थी। चारों ओर हरियाली होने से पूरे साल कभी गर्मी का अहसास नहीं होता था और ना ही कभी पानी की कमी महसूस होती थी। इस समय वन्य जीवों की संख्या अधिक होने के बावजूद जनहानि की घटना यदाकदा ही हुआ करती थी। लेकिन अवैध कटाई ने इस पूरे क्षेत्र को उजाड़ करके रख दिया है।

वन माफ़िया इन दिनों वन्य क्षेत्र के अंदरूनी क्षेत्र के साथ सड़क के किनारे स्थिति कीमती इमारती पेड़ों को निशाना बना रहे हैं। अभ्यारण के कर्मचारी पेट्रोलिंग के नाम पर इन दिनों मोबाइल से संपर्क खानापूर्ति करने में जुटे हुए है। इन कर्मचारियों का दावा है कि वे अपने उच्च अधिकारियों के निर्देश पर इन दिनों क्षेत्र में हाथियों की उपस्थिति जानने के लिए लोकेशन ट्रेस करने की मशक्कत में व्यस्त हैं।

बहरहाल,अभ्यारण्य कर्मियों की इस व्यवस्तता का लाभ वन माफ़िया जमकर उठा रहे हैं। सूरज की रोशनी ढलते ही समूचे अभ्यारण्य क्षेत्र में वन माफ़िया अपने आधुनिक साजो समान लेकर जंगल में उतर जाते हैं।

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